आजम खान की बहन ने क्यों कहा कि वो खुद अपने देश में ‘रोहिंग्या मुस्लिम’ बन गई है?

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उत्तर प्रदेश के आगरा, बरेली और रामपुर में चल रहे नागरिक निकायों चुनावों में हजारों लोगों ने हाल ही में शकायत की है कि मतदाता सूची से उनका नाम गायब है। यहां तक कि भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने भी आगरा में अपना वोट डालने के दौरान मतदान केंद्र पर अपना नाम न मिलने की शिकायत की थी।

आज़म खान

अब, उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की बहन भी इस बात को सार्वजनिक तौर पर सामने लेकर आई है कि मतदाताओं की सूची में उनका नाम मौजूद नहीं था।

रोष प्रकट करते हुए निखत फलक ने कहा, मैं निकाय चुनाव के लिए अपना वोट देने गई थी, लेकिन मुझे मतदाता सूची में अपना नाम ही नहीं मिला, नाम न मिल पाने की वजह से मैं हैरान हो गई। यह बिल्कुल शर्मनाक था

जबकि मैंने अपनी पहचान के दस्तावेजों को भी दिखाया, क्योंकि वोट देने का मेरा मौलिक अधिकार है, परन्तु उन्होंने कहा कि मेरा नाम मतदाताओं की सूची में हैं। एक वोट कम हो गया था। मेरी अपनी मातृभूमि में रहते हुए भी मैं रोहिंग्या हो गई थी।

”क्या ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि मैं एक बड़ा नेता (आजम खान) की बहन हो सकती हूं? मैं मुख्य निर्वाचन आयुक्त और स्थानीय अधिकारियों सहित सभी लोगों से पूछती हूं, क्या आप लोकतंत्र के कातिल नहीं हैं?”

उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों इसी तरह की शिकायतें देखने में आई जिनमें आगरा, बरेली, मथुरा और अलीगढ़ शामिल हैं। मथुरा में 150 से अधिक विधवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया था क्योंकि उनका नाम भी मतदाताओं की सूची से गायब हो गया था। अलीगढ़ में लगभग 250 परिवारों ने भी इसी तरह की शिकायतें की थी।

ये शिकायतें EVM के साथ छेड़छाड़ के आरोपों के साथ मेल खाती हैं। मेरठ में एक मतदाता ने जब अपना वोट डालने की कोशिश की तो उसका वोट भाजपा के पक्ष में जाता हुआ दिखा जबकि वह वोट बसपा को डाल रहा था इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।

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