सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र के खिलाफ असंतोष की आवाज बुलंद करने वाले चार वरिष्ठ न्यायाधीशों के न्यायालय का कामकाज संभालने के बीच सोमवार (15 जनवरी) को अटार्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि सारा मसला सुलझ गया है। अटार्नी जनरल ने एक समाचार चैनल से कहा कि अब सब कुछ सुलझ गया है। न्यायालय काम कर रहे हैं।वहीं न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार (16 जनवरी) को अपने बयान पर यू टर्न लेते हुए वेणुगोपाल ने कहा है कि जजों के बीच विवाद अभी नहीं सुलझा है और जजों के बीच मतभेद बना हुआ है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि ऐसा लगता है कि सुप्रीम कोर्ट में संकट अभी सुलझा नहीं है और उम्मीद जताई कि आने वाले कुछ दिनों में यह मामला ‘‘पूरी तरह सुलझ’’ जाएगा।
वेणुगोपाल ने कहा कि, ‘‘हां, मुझे लगता है कि यह अभी सुलझा नहीं है। उम्मीद करते हैं कि दो-तीन दिन के भीतर चीजें पूरी तरह से सुलझ जाएंगी।’’ गतिरोध जारी रहने के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने इस बात पर सहमति जताई कि अभी गतिरोध चल रहा है।
चार जजों या सीजेआई से कोई मुलाकात या किसी तरह की बातचीत करने के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने कहा कि, ‘‘ऐसा कुछ नहीं हुआ।’’ उन्होंने हालांकि उम्मीद जताई कि आने वाले कुछ दिनों में संकट सुलझ जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के शीर्ष चार जजों ने सोमवार से काम शुरू कर दिया। अटॉर्नी जनरल ने इस अभूतपूर्व संकट को ‘राई का पहाड़ बना देना’ बताया था।
Rifat Jawaid on the revolt by Supreme Court judges
Posted by Janta Ka Reporter on Friday, January 12, 2018
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 12 जनवरी को तब संकट उत्पन्न हो गया था जब चार वरिष्ठतम जजों जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने भारत के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व में शीर्ष न्यायालय के कामकाज की खुले तौर पर आलोचना की थी।
चारों जजों ने सुप्रीम कोर्टों में मामलों के आवंटन समेत कुछ समस्याएं उठाई और उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो देश के शीर्ष न्यायालय को प्रभावित कर रहे हैं। भारत के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने रविवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह से मुलाकात की थी और उन्हें आश्वासन दिया था कि संकट जल्द ही सुलझ जाएगा और फिर से सद्भावना कायम होगी।