आम आदमी पार्टी और इस के राष्ट्रीय मुखिया अरविन्द केजरीवाल ने कहा था कि वो राजनीती बदलने आये थे लेकिन जल्द ही ये ज़ाहिर हो गया कि उनका इरादा सत्ता का भोगी बनना है और इस के लिए वो किसी भी हद तक जाने से भी परहेज़ नहीं करेंगे। शायद यही वजह है कि आम आदमी पार्टी के मुखिया ने अब खुलेआम भाजपा के हिंदुत्व एजेंडा पर काम करना शुरू कर दिया है। मंगलवार को उनके इसी अजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश केजरीवाल की विधायक आतिशी मर्लेना ने की और इस के लिए उन्हें शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ा।
आतिशी ने ट्विटर पर लिखा, “शर्मनाक! भारत में औरंगज़ेब के बाद पहली बार किसी ने मंदिरों पर टैक्स लगाया है। 1679 में औरंगज़ेब ने मंदिरों पर जज़िया लगाया था, और आज भाजपा शासित पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने मंदिरों को नोटिस भेजा है, कि प्रॉपर्टी टैक्स दो, नहीं तो बंद कर देंगे। ये लोगों की श्रद्धा का अपमान है!”
दरअसल दिल्ली नगर निगम ने देश की राजधानी में स्थित कई मंदिरों को नोटिस भेज कर कहा था कि अगर उन्होंने ‘हाउस टैक्स’ नहीं अदा किये तो उनके परिसर को सील कर दिया जाएगा। यही बात आतिशी को इतनी नागवार गुज़री कि उन्होंने इसे मुसलमानों से जोड़कर उत्तर प्रदेश में चुनावी फायदा हासिल करने का फैसला कर लिया।
जैसा की आशा थी, आतिशी को अपने इस ज़हरीले बयान के लिए शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। कुछ लोगों ने कहा कि केजरीवाल और उनकी पार्टी को पैसा देना उनकी सबसे बड़ी ग़लती थी तो दूसरों ने हिंदत्व की राजनीति करने के लिए आम आदमी पार्टी को निशाना बनाया।
कुछ का कहना था कि अगर उन्हें आतंक की आरोपी और भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर और आतिशी के बीच किसी एक को चुनना हो तो उनका वोट प्रज्ञा को जाएगा भले ही वो मालेगाँव आतंकी हमले की मुख्य आरोपी है। उनका कहना था कि एक आतंकवादी सिर्फ़ लोगों को मारता है लेकिन आतिशी जैसे तथाकथित आदर्शवादी अपने दोगलेपन से पूरे समाज का विनाश करते हैं।
If I've only two options, either to vote for Pragya Thakur or Atishi Marlena. I'll pick Pragya Thakur without hesitation
A terrorist kills human, but idealists can destroy an entire society. Be wary, terrorists will be dealt with eventually, but rotten idealists are real menace. https://t.co/x9NQzbMYcQ
— Agha Meesam Hyder (@MeesamHyder) December 7, 2021
ATISHI "MARLENA" of Marxist Leninist fame. ???? https://t.co/TezOVhHd39
— Dr Jhotaa Singh (@DrJhotaa) December 7, 2021
I had given donation to Atishi Marlena for LS Election 2019 considering the fact that her only agenda was Education.
I was wrong.
I changed my political leaning to AAP after 2013-14.
Had soft corner for Congress.
My eyes opened when I took accounting class during MBA.
— WazZ (@im_wazz) December 7, 2021
Atishi Marlena, who has a top-notch Masters degree in History from @UniofOxford claims that "jizya" was a tax on temples.
Such utter ignorance, complete inaccuracy and petty communalism from the poster-woman for school education of the @AamAadmiParty government in Delhi. ????????♂️ https://t.co/g2fBTOmlJ6
— Mario da Penha ????️???? (@mleccha) December 7, 2021
This tweet from an Oxford alumnus, an educator who should have been looked upon as a good example of what education should have done to people but who sadly stooped to this level of islamophobia just to stay relevant. Shame on you Atishi https://t.co/oo9JX3YDyR
— Dr. Sameena Khan (@AnaSalafee) December 7, 2021
Many liberals on Twitter thought that Atishi – daughter of Marxist parents would not be so blatantly communal. Don’t be surprised if she joins the BJP tomorrow. Before the 2020 elections, she dropped the Marlena surname lest voters think she was Christian. Shame. https://t.co/sXyXDmfgLU
— Palace Intrigue (@palaceintrigue_) December 7, 2021
आदमी पार्टी की नेता ने दिल्ली नगर निगम के फैसले को औरंगज़ेब से जोड़कर क्या इशारा देना चाह रही थीं ये साफ़ था। चूँकि उत्तर प्रदेश में चुनाव है और आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल की महत्वकांक्षा को आगे बढ़ाने के लिए राज्य में चुनाव लड़ने का मन बना लिया है तो ज़ाहिर है केजरीवाल की विधायक मोहतरमा के लिए दिल्ली नगर निगम के एक साधारण फैसले को अतीत के एक मुस्लिम शासक से जोड़ कर इसका चुनावी फायदा नज़र आना तै था। केजरीवाल और उनके साथियों ने भाजपा को इस फॉर्मूले से बम्पर फायदा उठाते देखा है।
यही वजह है कि जो केजरीवाल और सिसोदिया कल तक अयोध्या में मंदिर की जगह एक यूनिवर्सिटी बनाये जाने की वकालत कर रहे थे, दोनों अब न सिर्फ अयोध्या जाकर मंदिर दर्शन कर चुके है बल्कि सरकारी पैसे से लोगों को वहां दर्शन के लिए भी भेजना शुरू कर दिया है।
चूँकि वो केजरीवाल हैं तो उन्हें मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट भी आती है। जिन टीवी चैनलों को वो और उनकी ट्रोल आर्मी पहले कोसते नहीं थकते थे अब वो बड़ी ख़ूबसूरती से उन्ही चैनलों पर जाकर हिंदुत्व का राग अलापते नज़र आते हैं। बात यही ख़त्म नहीं होती। केजरीवाल की पूरी कोशिश होती है कि उनके हर इंटरव्यू में कैसे वो खुद को एक बेहतर हिन्दू साबित कर सकें।
ऐसा लगता हैं कि खुद केजरीवाल को भी दिल्ली में किये गए अपने दावों पर विश्वास नहीं रहा और उन्हें अब लगने लगा है अपने कथित विकास के दावों के सहारे वो न तो दिल्ली और न ही इसके बाहर चुनवा जीत सकते हैं।
इन चैनलों पर केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के विज्ञापनों द्वारा करोड़ों रूपये लुटाया है तो चैनल वाले भी अब उनकी शान में क़सीदे पढ़ने से गुरेज़ नहीं करते। जो पहले केजरीवाल के नाम से भी कतराते थे, वो या तो अब उन्हें इंटरव्यू के दौरान मैच फिक्सिंग करते नज़र आते हैं या फिर उनसे वो सवाल करते हैं जिन के ज़रिये नेताजी को हिंदत्व के अजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद मिल जाए।
दिल्ली विधान सभा चुनाव से ठीक पहले मुकेश अम्बानी के चैनल पर इंटरव्यू के दौरान हनुमा चालीसा का पाठ भी इसी स्ट्रेटेजी का हिस्सा था। अगर आप को लगा कि ये सवाल पहले से तै रणनीति का हिस्सा नहीं था तो आप बेवक़ूफ़ों की टोली में रहने के आदी हो गए हैं और आप को अपने बारे में फ़िक्र करनी चाहिए।
सरकारी विज्ञापनों के ज़रिये मीडिया को खरीदना और फिर हिंदुत्व के नफरती अजेंडे की मदद से दिल्ली के बाहर के राज्यों में पैर पसारना कितना कामयाब होगा ये तो समय बताएगा, लेकिन केजरीवाल और उनके साथियों की पोल खुल गयी है।
आतिशी अपने नाम के साथ पहले मर्लेना इस्तिमाल करती थीं लेकिन चुनाव में इसका नुकसान न हो जाये तो अपने नाम से नफरत हो गयी। सिसोदिया को सोशल मीडिया पर ये बयान देना पड़ा कि आतिशी का असल नाम आतिशी सिंह है और उनका सम्बन्ध ‘राजपूत’ जाति से है।
कहते हैं शिक्षा एक इंसान का सबसे बड़ा गहना है। ये वो दौलत है जिस की कोई क़ीमत नहीं लगाई जा सकती और ना आप इसे बाजार में खरीद सकते हैं। शिक्षा आपके व्यक्तित्व या शख्सियत में निखार लाता है, आपको एक अच्छा इंसान बनाता है। आतिशी ने शिक्षा के क्षेत्र में शुरू के दिनों में जो काम करने को कोशिश की उस के लिए उनकी लोगों ने सराहना की। लेकिन उनका ताज़ा बयान दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी ने राजनीति के स्तर को किस हद तक गिरा दिया है कि ऑक्सफ़ोर्ड से पढ़ी एक महिला भी सत्ता के लोभ में अपनी बरसों की जमा इस बेशक़ीमती गहने को कूड़ेदान में फेंकने से नहीं चुकीं।