सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की संसदीय समिति के प्रमुख अनुराग ठाकुर सोमवार को ट्विटर के उपाध्यक्ष और वैश्विक नीति प्रमुख कॉलिन क्रोवेल से मिलने के लिए सहमत हुए।

इससे पहले उन्होंने माइक्रोब्लॉगिंग साइट के खिलाफ हिंदुत्व ब्रिगेड के विरोध के बाद ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी को समिति के सामने पेश होने की मांग की थी। लेकिन माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जैक डॉर्सी संसदीय समिति के समक्ष पेश नहीं हुए।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि अनुराग ठाकुर ने ट्विटर से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि भारतीय चुनाव विदेशी संस्थाओं से प्रभावित नहीं होंगे। उन्होंने ट्विटर को चुनाव आयोग के साथ मिलकर वास्तविक समय पर काम करने के लिए कहा।
Sources: Anurag Thakur has asked Twitter to ensure that Indian elections are not undermined and influenced by foreign entities. He stressed they must work in real time with Election Commission to address issues. https://t.co/oG11eHeyIF
— ANI (@ANI) February 25, 2019
इस महीने की शुरुआत में डोर्सी के सामने आने से इनकार करने के बाद भगवा पार्टी की आईटी सेल ने ठाकुर से ट्विटर को सबक सिखाने का आग्रह किया था। ठाकुर ने खुद 9 फरवरी को ट्वीट किया था, सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति इस पर बहुत गंभीरता से ध्यान दे रही है। हम 11 फरवरी को उचित कार्रवाई करेंगे।
हालांकि, विशेषज्ञों ने यह स्पष्ट कर दिया था कि भारत सरकार सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी के खिलाफ काम करने में सक्षम नहीं है।
सूत्रों ने 11 फरवरी को कहा था कि समिति ने ट्विटर इंडिया के कनिष्ठ अधिकारियों से मिलने से मना कर दिया था। एक सूत्र ने कहा कि समिति केवल ट्विटर के सीईओ या उनकी वैश्विक टीम के किसी वरिष्ठ सदस्य से ही बात करेगी जो कि भारत में ट्विटर के परिचालन से जुड़े अहम फैसले लेता हो।