अन्ना हजारे बालो- पाक न समझे तो उसके साथ आरपार की लड़ाई हो जानी चाहिए

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भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे 23 मार्च से नई दिल्ली के रामलीला मैदान में लोकपाल, चुनाव सुधार और किसानों के मुद्दे पर आंदोलन शुरू करने जा रहें है। अपने इसी आंदोलन को शुरु करने से पहले अन्ना हजारे जनजागरण यात्रा के तहत बुधवार(7 मार्च) को जम्मू आए थे। उन्होंने पहली बार जम्मू के दशहरा ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत भी किया।

फाइल फोटो- अन्ना हजारे

दैनिक जागरण की ख़बर के मुताबिक, अन्ना हजारे ने सीमा पर पाकिस्तानी गोलीबारी से जानमाल के भारी नुकसान पर कहा कि किसी भी मसले का समाधान बातचीत से ही होना चाहिए, लेकिन अगर पाक यह भाषा नहीं समझता है तो उसके साथ एक बार आरपार की लड़ाई हो जानी चाहिए। इसके साथ ही अन्ना ने कहा कि पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित किसान सरकार की जिम्मेदारी हैं।

साथ ही उन्होंने कहा कि, सीमांत किसानों को भी वही सुविधाएं मिलनी चाहिए जो सीमा पर लड़ रहे सैनिकों को मिलती हैं। बता दें कि, अन्ना नई दिल्ली के रामलीला मैदान में लोकपाल, चुनाव सुधार और किसानों के मुद्दे पर 23 मार्च से आंदोलन शुरू करने से पहले जनजागरण यात्रा के तहत बुधवार जम्मू आए थे। ख़बर के मुताबिक, उन्होंने पहली बार जम्मू के दशहरा ग्राउंड में जनसभा को संबोधित किया था।

बता दें कि, इससे पहले भिवानी के एक कार्यक्रम में अन्ना हजारे ने कहा था कि, पाकिस्तान से लङाई समाधान नहीं, लेकिन पाक नहीं मानता तो रोज-रोज शहीद हो रहे सैनिकों एवं अधिकारियों को बचाने के लिए एक बार आर-पार की लड़ाई हो ही जानी चाहिए।

 

पंजाब केसरी की ख़बर के मुताबिक, मूर्तियो की तोड़ फोड़ पर अन्ना हजारे ने कहा कि, मूर्तियों की तोडफ़ोड़ सही नहीं है। जिन्होंने इन्हें बनाया था क्या वे पालग थे? मूर्तियां उनके काम की निशानी हैं। देश में बढ़ रही असहिष्णुता पर उन्होंने कहा कि जब लोग सत्ता में आ जाते हैं तो कुर्सी का नशा उनके सिर पर चढक़र बोलने लगता है। अन्ना हजारे जम्मू के एक दिन के दौरे पर आए हुए हैं।

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