पर्यावरण मंत्री अनिल दवे की आखिरी इच्छाएं पढ़कर भावुक हो जाएंगे आप, सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

0

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे अपनी सहजता और सादगी के लिए जाने जाते थे। उनकी इच्छा थी कि उनकी याद में स्मारक बनाने के बजाय पौधे लगाकर उन्हें बड़ा किया जाए और नदी, तालाबों को बचाया जाए। उनकी यह इच्छा उनके जाने के बाद सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रही है।

गौरतलब है कि गुरुवार(18 मई) को दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। दवे के भतीजे निखिल दवे ने से कहा कि वह (अनिल माधव दवे) हमसे कहते थे कि उनकी मृत्यु के बाद उनका कोई स्मारक न बनाया जाए। अगर कोई व्यक्ति उनकी स्मृति को चिरस्थायी रखना चाहता है, तो वह पौधे लगाकर इन्हें सींचते हुए पेड़ में तब्दील करे और नदी…तालाबों को संरक्षित करे।

 

इस बीच, सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज की प्रति वायरल हो रही है जिसे दवे की कथित आखिरी इच्छा और वसीयत से जुड़ा बताया जा रहा है। इस दस्तावेज पर 23 जुलाई 2012 की तारीख अंकित है। इस दस्तावेज पर उनका अंतिम संस्कार बांद्राभान में वैदिक रीति से किए जाने, उनकी अंत्येष्टि में किसी तरह का आडम्बर न किए जाने, उनका स्मारक न बनाए जाने, उनकी याद में कोई प्रतियोगिता और पुरस्कार न शुरू किए जाने सरीखी बातों का जिक्र है।

दवे के भतीजे निखिल ने कहा कि वह इस दस्तावेज की प्रामाणिकता की पुष्टि तुरंत नहीं कर सकते। लेकिन इस दस्तावेज में कही गई अधिकतर बातें दिवंगत केंद्रीय मंत्री की पर्यावरणहितैषी सोच और सादगी से भरी रही उनकी जीवन यात्रा से मेल खाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस लेटर को ट्वीट किया है।

बता दें कि अनिल माधव ने शादी नहीं किया था और उन्हें चुनाव प्रबंधन में महारत हासिल थी। बीजेपी संगठन को मजबूत करने में अनिल माधव दवे ने अहम भूमिका निभाई है। इसके अलावा माधव दवे एक अच्छे पर्यावरणविद् भी थे और नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए लंबे समय तक काम किया।

Previous articleCourt refuses to direct police to file FIR against BJP MP in rape case
Next articleIndian-American woman pleads guilty to call centres scam in US