गुजरात की सीएम आनंदी बेन पटेल ने भाजपा नेतृत्व से कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री के जिम्मेदारी से सीघ्र ही मुक्त कर दिया जाये. इस बात का एलान उन्होंने ने फेसबुक पर गुजराती में लिखे एक पोस्ट के द्वरा किया।
हालकि आनंदी बेन पटेल ने मुख्यमंत्री पद छोड़ने कि वजह अपनी उम्र को बताई लेकिन जानकारों का मानना है कि पाटीदार आंदोलन, उनकी बेटी अनार पटेल का कथित रूम से भरताचार्य में लिप्त होना और हाल के दिनों में दलितों द्वारा चलाये गए आंदोलन ने आनंदीबेन पटेल के लिए पद छोड़ने के आलवा कोई दूसरा रास्ता नहीं छोड़ा था।
कुछ महीने पहले आनंदीबेन पटेल को गुजरात के सीएम पद से हटाकर पंजाब का गवर्नर बनाए जाने की अफवाह उड़ी थी।
(फेसबुक पोस्ट का अनुवाद : साभार दैनिक भास्कर )
”मैं हमेशा से ही बीजेपी की विचारधारा, सिद्धांत और अनुशासन से प्रेरित हूं और इसका आज तक पालन करती आई हूं। पिछले कुछ समय से पार्टी में 75 से ऊपर के उम्र के नेता और कार्यकर्ता स्वैच्छिक रूप से अपना पद छोड़ रहे हैं, जिससे कि युवाओं को मौका मिले। यह एक बहुत अच्छी परंपरा है। मेरे भी नवंबर महीने में 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। लेकिन 2017 के अंत में गुजरात में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन चुनाव में नवनियुक्त होने वाले मुख्यमंत्री को ज्यादा समय मिले, इसके लिए मैंने दो महीने पहले ही हाईकमान से इस जिम्मेदारी से मुक्त होने के लिए निवेदन किया है। मैं आज फिर से इस पत्र के द्वारा पार्टी के नेताओं से मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी से मुक्त करने की गुजारिश करती हूं।”