भारत में जारी ‘मी टू’ अभियान (यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान) लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कई अन्य महिलाएं अपने अनुभवों को सार्वजनिक तौर पर शेयर कर रही हैं। अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद अब अलग-अलग इंडस्ट्री की बाकी हस्तियों ने भी अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है।
फाइल फोटो: अभिनेत्री अमायरा दस्तूरअब अभिनेत्री अमायरा दस्तूर ने कहा है कि वह भी पुरुष और महिलाओं के हाथों उत्पीड़न का शिकार हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि उनके पास नाम लेने और उन्हें शर्मसार करने की हिम्मत नहीं है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ एक ईमेल साक्षात्कार में जब अभिनेत्री अमायरा दस्तूर से पूछा गया कि क्या उन्हें भी अपने सफर के दौरान कास्टिंग काउच या उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, तो उन्होंने कहा, ‘सच कहूं, तो मुझे दक्षिण या बॉलीवुड में कास्टिंग काउच का सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन हां, मैंने दोनों जगहों पर अपने हिस्से के उत्पीड़न का सामना किया है। मुझमें उनका नाम लेने की हिम्मत नहीं है, क्योंकि वे शक्तिशाली लोग हैं, जो मुझे लाचार होने का अहसास कराते रहते हैं।’
हालांकि उन्होंने कहा कि एक दिन निश्चित रूप से उत्पीड़कों के चेहरे सामने लाएंगी। अमायरा ने कहा, ‘लेकिन जब तक मैं सुरक्षित और सकुशल महसूस नहीं करती, तब तक मैं किसी का नाम नहीं लूंगी। वे वास्तव में जानते हैं कि वे कौन हैं और उन्होंने क्या किया है। अब के लिए जो मैं कहना चाहती हूं वह यह है कि उन्हें भेदभाव करने के तरीकों को बंद कर देना चाहिए, क्योंकि अब निश्चित रूप से बदलाव की हवा बहने वाली है और उनकी स्थिति उनके कर्मो से उन्हें बचाने के लिए काफी नहीं है।’
अमायरा ने 2013 में ‘इसक’ के साथ अपने बॉलीवुड सफर की शुरुआत की थी, जिसके बाद वह ‘मिस्टर एक्स’, ‘कलाकंदी’ और ‘कंग फू योगा’ जैसे कई हिंदी फिल्मों में दिखाई दी थी।
‘मी टू’ अभियान ने पकड़ा जोर
आपको बता दें कि भारत में जारी ‘मी टू’ अभियान (यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान) तूल पकड़ता जा रहा है। कई अन्य महिलाएं अपने अनुभवों को सार्वजनिक तौर पर शेयर कर रही हैं। अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद अब अलग-अलग इंडस्ट्री की बाकी हस्तियों ने भी अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है।
नाना पाटेकर के बाद जहां डायरेक्टर विकास बहल, मशहूर सिंगर कैलाश खेर, प्रसिद्ध लेखक चेतन भगत, अभिनेता रजत कपूर, मॉडल जुल्फी सैयद, फिल्मों और टीवी जगत के ‘संस्कारी बाबू’ यानी अभिनेता आलोक नाथ सहित ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ (एचटी) के ब्यूरो प्रमुख और राजनीतिक संपादक प्रशांत झा, रघु दीक्षित, कमेंटेटर सुहेल सेठ और महिला कॉमिक स्टार अदिति मित्तल, बॉलीवुड के शोमैन सुभाई घई, फिल्ममेकर साजिद खान और लेखक-निर्देशक पीयूष मिश्रा भी ‘मी टू’ की चपेट में आए हैं, जिनपर यौन उत्पीड़न, बदसलूकी, गलत तरीके से छूने जैसे आरोप लगे हैं।
फिल्म इंडस्ट्री से ‘मी टू’ अभियान की शुरुआत होने के बाद इसकी चपेट में मीडिया जगत भी आ गया है और इसकी लपटें मोदी सरकार के एक मंत्री को अपने लपेटे में ले रही हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अपने समय के मशहूर संपादक व वर्तमान में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर पर 6 वरिष्ठ महिला पत्रकारों ने पूर्व संपादक और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए हैं।