नोटबंदी के बाद से बीजेपी अपने मंथन और आपसी संवाद के दौर से गुजर रही है जिसके लिए गुरुवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारियों और राज्यों के प्रभारियों के साथ बैठक की। बैठक में नोटबंदी के बाद की स्थित पर हर राज्य के प्रभारी ने अपनी रिपोर्ट दी।
Photo courtesy: Hindustan Timesएनडीएमसी के कन्वेन्शन हॉल में आयोजित पूर्वी उत्तर प्रदेश के 35 भाजपा सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से नोटबंदी के बाद से होने वाली परेशानियों पर चर्चा की। बैठक में पार्टी सांसदों और वर्करों ने बतया कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पार्टी के पक्ष में जो हवा बही थी वह नोटबंदी के बाद अब बेअसर होती दिख रही है।
नोटबंदी के बाद से एक महीने से ज्यादा का समय बीत जाने पर भी आम लोगों को कैश नहीं मिल रहा। बैंक और एटीएम के बाहर लंबी लाइनों से लोग परेशान हैं। ऐसे में बीजेपी को इस बात का डर था कि नोटबंदी के बाद शुरुआत में उसे जो जनसमर्थन और सफलता मिली थी उस पर पानी ना फिर जाए। इसी कारण से पार्टी अध्यक्ष ने फीडबैक के तौर पर कार्यकर्ताओं की राय मांगी थी। जिसमें पार्टी को अच्छे नतीजे नहीं मिले।
जनसत्ता की खबर के अनुसार, पूर्वी उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को बताया है कि अगर 15 जनवरी तक कैश की किल्लत दूर नहीं हुई तो हमें नुकसान उठाना पड़ सकता है। दरअसल, पार्टी अध्यक्ष ने पार्टी सांसदों से नोटबंदी पर फीडबैक मांगा था।
इसके बाद बुधवार की शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक नई दिल्ली नगरपालिका (एनडीएमसी) के कन्वेन्शन हॉल में पूर्वी उत्तर प्रदेश के 35 भाजपा सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष से इस बारे में चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि बैठक में पार्टी सांसदों ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पार्टी के पक्ष में जो हवा बही थी वह नोटबंदी के बाद बेअसर होती दिख रही है।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष ने सभी सांसदों को बारी-बारी से सुना लेकिन किसी का कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि, उन्होंने यह आश्वासन दिया है कि सांसदों की चिंता से सरकार को अवगत करा दिया जाएगा। बैठक में मौजूद एक सांसद ने बताया कि 35 सांसदों में से करीब-करीब सभी सांसदों ने नोटबंदी के विपरीत परिणामों की चर्चा की।
सभी ने कहा कि चुनावों में इसके गलत संदेश जाएंगे। सांसदों ने कहा कि लोग अब अधीर हो रहे हैं। अगर जल्द ही स्थिति सामान्य नहीं हुई, बैंकों में करेंसी नोट की किल्लत कम नहीं हुई तो यह पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा।