उत्तर प्रदेश का प्रतिष्ठित रेलवे स्टेशन मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर ‘पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन’ करने के बाद राज्य की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है। यूपी स्थित संगम नगरी इलाहाबाद अब प्रयागराज के नाम से जानी जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार (16 अक्टूबर) को यह महत्वपूर्ण फैसला किया।
File Photo: PTIमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में तय किया गया कि इलाहाबाद का नाम अब प्रयागराज होगा। बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पत्रकारों को बताया कि प्रयागराज नाम रखे जाने का प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में आया, जिसे मंजूरी प्रदान कर दी गई। ऋगवेद, महाभारत और रामायण में प्रयागराज का उल्लेख मिलता है।
समचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, उन्होंने कहा कि सिर्फ वह ही नहीं, बल्कि समूचे इलाहाबाद की जनता, साधु और संत चाहते थे कि इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से जाना जाए। दो दिन पहले जब मुख्यमंत्री ने कुंभ से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता की थी, तो उन्होंने खुद ही प्रस्ताव किया था कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया जाना चाहिए। सभी साधु संतों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी।
सोशल मीडिया पर लोगों ने लिए मजे
इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज रखे जाने को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रहा है। भारी संख्या में लोग योगी सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं, वहीं कुछ यूजर्स केंद्रीय मंत्री एम.जे.अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर तंज कस रहे हैं। एक यूजर ने तंज सकते हुए लिखा है कि एमजे अकबर का भी नाम ‘हरिश्चंद्र’ रख दो, सारे पुराने पाप धुल जाएंगे।
देखिए, ट्विटर पर लोगों के रिएक्शन:-
एक इलाहाबादी होने के नाते मेरे लिए शहर इलाहाबाद ही रहेगा। नाम की घर वापसी करिए, लेकिन जिस फ़ैसले से राजनीति की बू आए, उस को इस पवित्र शहर से ना जोड़िए। इस शहर में संगम ऐसे ही नहीं बहता, संगम सिर्फ़ दो नदियों का नहीं, बल्कि संगम हिंदुस्तान की हर संस्कृति और सोच का है। #Prayagraj
— Arunoday Mukharji (@ArunodayM) October 16, 2018
Allahabad का नाम प्रयागराज रखा..
अब MJ Akbar का नाम हरिश्चंद्र रख दो..
सारे पुराने पाप भी धुल जाएंगे !!!
— Rofl Don™ (@EpicRoflDon) October 16, 2018
जो डीपी बदल कर दुनिया बदल देने का जिम्मा उठाते हैं, अब वो कहेंगे कि इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज करने से क्या हो जाएगा
— Rahul Roushan (@rahulroushan) October 16, 2018
'प्रयाग' का नाम बदलकर 'इलाहाबाद' रखने से जब आपकी स्थिति आज तक नही बदली,
तो आज 'इलाहाबाद' का नाम 'प्रयागराज' हो जाने पर भी आपकी स्थिति नही बदलने वाली।
क्योंकि ये बात नाम की नही सोच की है।
(आप=बेरोजगार युवक) https://t.co/JO7RkUA5To— Manish Dhiman (@ManishD2808) October 16, 2018
जिन बामियों को कलकत्ता को कोलकाता करने में गर्व महशूस हो रहा था,जिन द्रविडियन को मद्रास को चेन्नई करने में शान दिखती थी जिनको बंबई को मुबंई करने में आमची मुंबई नजर आ रही थी,जिन्हें कल अयोध्या नगरी को फैजाबाद बनाने में गँगाजमनी दिख रही थी उनकी #प्रयागराज पर आपत्ति महज १दोगलापन है?
— Rajesh तामड़ेत (@RajeshTamret) October 16, 2018
चार वेदों की प्राप्ति के पश्चात् ब्रह्मा ने यहाँ यज्ञ किया था, इसीलिए सृष्टि की प्रथम यज्ञ स्थली होने के कारण इसे प्रयाग कहा गया, यदि किसी शासक ने नाम बदला और आज संस्कृति को पुनर्जागृत करने के उद्देश्य से वापिस 'प्रयागराज' नाम रखा जा रहा है तो 'जनेऊधारियों' को समस्या क्यों है?
— Vedank Singh (@VedankSingh) October 16, 2018
मुख्यमंत्री @myogiadityanath कैबिनेट द्वारा इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने का निर्णय स्वागतयोग्य है, अभिनन्दनीय है व विश्व के करोड़ो हिन्दुओं की भावनाओं की अभिव्यक्ति है।?
— प्रशान्त पटेल उमराव (@ippatel) October 16, 2018
योगी जी @myogiadityanath नाम तो बदल दिया अब प्लेटफॉर्म पर बनी मज़ार भी हटवा दो ? #प्रयागराज pic.twitter.com/EF6nDNZEWE
— Doga #ETF (@SirD0GA) October 16, 2018
इलाहाबाद बैंक का मालिक कुछ दिन से परेशान है,, बोल रहा जितने बैनर टंगे है देश में इलाहाबाद बैंक के नाम से
उसको प्रयागराज बदलने में बैंक दिवालिया घोषित हो जाएगा ??— Adv. Ravi Mishra Shastri ??? (@Shastri091) October 16, 2018
इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया है, UP का नाम जंगलराज किये जाने पर अभी विचार हो रहा है।
— Rafale Gandhi (@RoflGandhi_) October 16, 2018
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद में कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक में भी यह मुद्दा आया था। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किये जाने की मांग अरसे से चल रही थी। राज्यपाल राम नाईक ने भी इसके नाम बदलने पर सहमति जताई थी। आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट वर्तमान में देश का सबसे बड़ा हाईकोर्ट हैं। यहां से दिए गए तमाम फैसलों ने भारत की राजनीति को प्रभावित किया है।
उल्लेखनीय है कि योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही प्रयागराज मेला प्राधिकरण का गठन कर चुकी है। पिछले दिनों सीएम योगी ने बताया था कि कुंभ में पहली बार श्रद्धालुओं को किले के भीतर अक्षयवट वृक्ष और सरस्वती कूप के भी दर्शन होंगे। कल्पवासियों और संत जनों के लिए खाद्यान्न आपूर्ति की समुचित व्यवस्था की जा रही है और 100 से अधिक मिल्क बूथ लगाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले यूपी सरकार ने मुगलसराय स्टेशन का नाम भी बदला था।