“आप तो उनके तरस के लायक भी नहीं”: ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ के एंकर सुशांत सिन्हा के ट्वीट पर अलका लांबा ने दिया करारा जवाब; कृषि कानूनों की वापसी को लेकर ‘गोदी मीडिया’ के एंकर पर कसा तंज

0

विवादास्पद तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इसे किसानों की बड़ी जीत बता रहे है तो वहीं कुछ सरकार के समर्थन में ट्वीट कर रहे है। इस बीच, समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ के एंकर सुशांत सिन्हा ने भी इस मुद्दे पर एक ट्वीट किया, जिसके बाद अलका लांबा ने उनपर निशाना साधा।

अलका लांबा

कृषि कानूनों की वापसी की पीएम मोदी की घोषणा के बाद टाइम्स नाउ ग्रुप के नए हिंदी समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ के एंकर सुशांत सिन्हा ने ट्वीट कर कहा, “देश ने छप्पन इंच के सीने वाला पीएम चुना था नरेंद्र मोदी जी, कुछ के विरोध के सामने, सियासी नफा-नुक़सान देखकर एक बड़े वर्ग के समर्थन के बावजूद झुक जानेवाला पीएम नहीं।”

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को अगर लगता है कि उनके निर्णय से “हाय हाय मोदी, मर जा मोदी” का नारा लगानेवाले कम हो जाएंगे तो यह उनका भ्रम है। हां, “मोदी है तो मुमकिन है” बोलने वालों की संख्या कुछ कम ज़रूर होगी, लिख लीजिए।”

इन सबके बीच, सुशांत सिन्हा ने इसी मुद्दे को लेकर ट्वीटर पर एक पोल किया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, “आपके मुताबिक़ पीएम नरेंद्र मोदी ने कृषि क़ानून वापस लेकर सही किया या गलत?”

सुशांत सिन्हा के इस पोल पर दिल्ली की चांदनी चौकी विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (आप) की पूर्व विधायक और कांग्रेस की दिग्गज नेता अलका लांबा ने तंज कसते हुए लिखा, “आज पहली बार हो रहा होगा कि प्रधानमंत्री मोदी जी को अपनों का साथ नहीं मिल रहा होगा – इस फैसले से नाक जो आज उनकी ही सबसे ज़्यादा कट्टी है, बेचार भाजपा के प्रवक्ता, गोदी मीडिया के एंकर और अंधभक्त.. हमें आप सब से कोई सहानुभूति नहीं।”

लांबा के ट्वीट पर पलटवार करते हुए एंकर ने लिखा, “यही खासियत है नरेन्द्र मोदी के समर्थकों की। वो उनके साथ देशहित में होते हैं। अगर कुछ देशहित में न लगे तो उनके ख़िलाफ़ भी जा सकते हैं। आप जैसों और पिद्दी मीडिया की तरह नहीं कि एक परिवार देश भी बेच आए तो उनके चरणों में पड़े रहेंगे। सहानुभूति छोड़िए, आप तो उनके तरस के लायक़ भी नहीं।”

इसपर सुशांत सिन्हा को जवाब देते हुए पूर्व विधायक ने लिखा, “चलिए आप सबने अब यह भी मान लिया कि प्रधानमंत्री मोदी जी देशहित में फैसले नहीं ले रहे- चीन जैसे देशों के साथ मिलकर गद्दारी भी कर रहे हैं, तो क्यों ना फिर देशहित में एक आंदोलन छेड़, उनके हाथ में झोला थमा, उन्हें कुर्सी से उतार अब हिमालय की ओर चलता ही करें? क्यों क्या ख्याल है आप?”

इन दोनों के ट्वीट पर अब सोशल मीडिया यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे है। कुछ यूजर्स एंकर का समर्थन कर रहे है तो कुछ लांबा के समर्थन में ट्वीट कर रहे है।

बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रकाश पर्व के मौके पर राष्‍ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करके हर किसी को चौंका दिया। उन्‍होंने अपने संबोधन में आंदोलन खत्‍म कर किसानों को घर लौटने की अपील की है। उन्‍होंने कहा कि किसान अपने खेत में लौटें, अपने परिवार के बीच लौटें।

प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा, ”आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूँ कि हमने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।”

[Please join our Telegram group to stay up to date about news items published by Janta Ka Reporter]

Previous articleतमिलनाडु: सहकर्मी से दुष्कर्म के आरोप में 2 सरकारी डॉक्टर गिरफ्तार, होटल में क्वारंटीन के दौरान दिया वारदात को अंजाम
Next articleनवाब मलिक का नया खुलासा, बोले- समीर वानखेड़े के नाम से चलता है बार, 17 साल की उम्र में मिला लाइसेंस