चेन्नई: राहुल गांधी का कार्यक्रम आयोजित करने वाले कॉलेज को नोटिस भेजकर मांगी गई सफाई

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चेन्नई के जिस कॉलेज में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का दो दिन पहले छात्राओं के साथ संवाद का कार्यक्रम हुआ था, उस कॉलेज को नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस में पूछा गया है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कॉलेज कैंपस को किसी राजनीतिक कार्यक्रम के लिए क्यों इस्तेमाल करने दिया गया। बता दें कि राहुल गांधी बुधवार (13 मार्च) को तमिलनाडु के दौरे पर थे, इस दौरान उन्होंने चेन्नई के स्टेला मैरिस कॉलेज फॉर वुमेन की छात्राओं के साथ संवाद किया था।

समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, 13 मार्च को चेन्नई के स्टेला मैरिस कॉलेज में राहुल गांधी के कार्यक्रम के बाद शिक्षा निदेशालय ने क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी राजनीतिक नेता से चर्चा के लिए परिसर का उपयोग कैसे किया गया?

बता दें कि इस दौरान लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उसकी सरकार बनने पर केंद्र सरकार की नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। छात्राओं से संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि अगर संप्रग सरकार बनती है तो महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाएगा और केंद्र व राज्य सरकारों में 33 फीसदी नौकरियां महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।

राहुल गांधी के साथ बातचीत के दौरान हल्के-फुल्के क्षण भी आए, जब छात्राओं ने कांग्रेस अध्यक्ष को संबोधित करने के लिए सर कहा जिस पर राहुल ने छात्राओं से सर नहीं कहने को कहा। राहुल की इस बार पर छात्राओं ने तालियां बजाईं। गांधी ने कहा कि वह अभी भी एक युवा राजनेता हैं।

टी-शर्ट और जीन्स पहने राहुल गांधी को आर्थिक विकास, जम्मू एवं कश्मीर में शांति लाने के बारे में कांग्रेसनीत संप्रग की योजना, उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ आरोपों, मोदी सरकार के बारे में उनके विचार और संसद में नरेंद्र मोदी को गले लगाने के कारणों के बारे में छात्राओं के सवालों का सामना करना पड़ा। देश में महिलाओं की स्थिति पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के मुकाबले दक्षिण भारत में हालात बेहतर हैं। यह एक सांस्कृतिक पहलू है। लेकिन, उन्होंने तुरंत कहा, “तमिलनाडु में अभी भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।”

राहुल गांधी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकी हमलों को अंजाम देगा लेकिन हमें जम्मू एवं कश्मीर के लोगों से जुड़ना होगा। उन्होंने बैंकों से धोखाधड़ी करने के बाद नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे व्यापारियों को ‘देश से भागने की सुविधा देने के लिए’ केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, “नोटबंदी के दौरान लोगों द्वारा बैंकों में जमा किए गए पैसों को इन व्यापारियों को दे दिया गया।”

एक छात्रा द्वारा यह पूछने पर कि इन व्यापारियों के साथ उन्होंने अपने बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के नाम का उल्लेख क्यों नहीं किया, राहुल गांधी ने कहा, “सरकार के पास जांच का अधिकार है। कानून को चुनिंदा लोगों पर ही लागू नहीं किया जाना चाहिए। मैं पहला व्यक्ति हूं, जिसने वाड्रा की जांच के लिए कहा है।”

 

 

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