पंजाब के बाद अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है। मंगलवार को गहलोत ने एक कैबिनेट बैठक बुलाई और घोषणा की कि सरकार ‘किसानों के हित’ के संरक्षण के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएगी।

उन्होंने कैबिनेट बैठक के बाद ट्वीट किया, “राज्य मंत्री परिषद की बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा किसानों से सम्बन्धित विषयों पर बनाए गए तीन नए कानूनों से प्रदेश के किसानों पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की गई।” उन्होंने अपने ट्वीट में आगे कहा, “मंत्री परिषद ने प्रदेश के किसानों के हित में निर्णय किया कि उनके हितों को संरक्षित करने के लिए शीघ्र ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। सत्र में भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के प्रभाव पर विचार-विमर्श किया जाकर राज्य के किसानों के हित में वांछित संशोधन विधेयक लाए जाएं।”
मंत्री परिषद ने प्रदेश के किसानों के हित में निर्णय किया कि उनके हितों को संरक्षित करने के लिए शीघ्र ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। सत्र में भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के प्रभाव पर विचार-विमर्श किया जाकर राज्य के किसानों के हित में वांछित संशोधन विधेयक लाए जाएं।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 20, 2020
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, श्रीमती सोनिया गांधी जी एवं राहुल गांधी जी के नेतृत्व में हमारे अन्नदाता किसानों के पक्ष में मजबूती से खड़ी है और हमारी पार्टी किसान विरोधी कानून जो एनडीए सरकार ने बनाए हैं, का विरोध करती रहेगी। आज (मंगलवार) पंजाब की कांग्रेस सरकार ने इन कानूनों के विरुद्ध बिल पारित किये हैं और राजस्थान भी शीघ्र ऐसा ही करेगा।”
आज पंजाब की कांग्रेस सरकार ने इन कानूनों के विरुद्ध बिल पारित किये हैं और राजस्थान भी शीघ्र ऐसा ही करेगा।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 20, 2020
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में सिविल कोर्ट द्वारा फसलों की खरीद में विवादों को निपटाने के अधिकारों को बहाल करने पर चर्चा की गई। सूत्रों ने ये भी बताया कि राजस्थान में फसल खरीद से जुड़े विवादों के निपटारे की व्यवस्था मंडी समिति या सिविल कोर्ट के पास होनी चाहिए।
देश में पहली बार, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने मंगलवार को सर्वसम्मति से तीन विधेयक पारित किए और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाए गए केंद्र के कृषि कानूनों को औपचारिक रूप से खारिज कर दिया। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)