सिविल सेवा परीक्षा में 2010 में देशभर में अव्वल रहने के कारण खबरों में रहे जम्मू कश्मीर के आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कश्मीर में कथित हत्याओं और इन मामलों में केंद्र की ओर से गंभीर प्रयास नहीं करने का आरोप लगाते हुए बुधवार (9 जनवरी) को इस्तीफा दे दिया। बता दें कि साल 2009 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) परीक्षा टॉप करने वाले शाह फैसल पहले कश्मीरी बने थे। फैसल के इस्तीफे पर अब राजनीतिक घमासान मचा गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि शाह फैसल का इस्तीफा देना केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी सरकार के लिए ‘कलंक’ है।
इस बीच अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, शाह फैसल के बाद अब जम्मू-कश्मीर के कई बड़े अधिकारी राजनीति में आने के बारे में विचार कर रहे हैं। अखबार के मुताबिक, करीब एक दर्जन अधिकारी समय से पहले रिटायरमेंट लेने के बारे में मन बना रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद ये अधिकारी आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इसी क्रम में अनंतनाग में जज सईद तौकीर ने अपना इस्तीफा हाईकोर्ट को भेज दिया है, हालांकि उन्होंने इस्तीफे की वजह निजी बताई है। बता दें कि इससे पहले फैसल ने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद राजनीति में आने की इच्छा भी जाहिर की थी।
फैसल के इस्तीफे के बाद दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के प्रमुख जिला सत्र न्यायाधीश सईद तौकीर अहमद ने अपने पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने प्रत्यक्ष तौर पर घरेलू वजहों से इस्तीफा देने की बात की है, लेकिन कहा जा रहा है कि वह न्यायिक सेवा से मुक्त होने के बाद राज्य की सियासत में अपना भविष्य आजमाना चाहते हैं। सूत्रों ने बताया कि मूलत: जिला अनंतनाग के रहने वाले सईद तौकीर ने राज्य उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को लगभग सात दिन पहले अपनी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का लिखित आग्रह भेजा है। अखबार के मुताबिक, तौकीर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
फैसल ने कश्मीर में कथित हत्याओं को बताया इस्तीफे की वजह
35 वर्षीय फैसल ने फेसबुक पर सिविल सेवा अधिकारी पद से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए एक संक्षिप्त बयान में लिखा कि उनका इस्तीफा, ‘‘हिंदूवादी ताकतों द्वारा करीब 20 करोड़ भारतीय मुस्लिमों के हाशिये पर जाने की वजह से उनके दोयम दर्जे का हो जाने, जम्मू कश्मीर राज्य की विशेष पहचान पर कपटपूर्ण हमलों तथा भारत में अति-राष्ट्रवाद के नाम पर असहिष्णुता एवं नफरत की बढ़ती संस्कृति के विरुद्ध है।’’
हाल ही में विदेश में प्रशिक्षण पाकर लौटे और पदस्थापना का इंतजार कर रहे फैसल ने कहा कि उन्होंने कश्मीर में लगातार हत्याओं के मामलों और इन पर केंद्र सरकार की ओर से कोई गंभीर प्रयास नहीं होने के चलते, भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने का फैसला किया है। फैसल ने केंद्र में बीजेपी नीत सरकार का नाम तो नहीं लिया लेकिन परोक्ष हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि आरबीआई, सीबीआई और एनआईए जैसी सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिससे इस देश की संवैधानिक इमारत ढह सकती है और इसे रोकना होगा।
बीजेपी सरकार पर निशाना!
पीटीआई के मुताबिक फैसल ने कहा, ‘‘मैं दोहराना चाहता हूं कि इस देश में आवाजों को लंबे समय तक दबाया नहीं जा सकता और यदि हम सच्चे लोकतंत्र में रहना चाहते हैं तो हमें इसे रोकना होगा।’’ फैसल ने आईएएस में चुने जाने और इसके आगे की यात्रा में उनका समर्थन करने के लिए दोस्तों, परिवार और शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि मेरा महत्वपूर्ण काम प्रशासनिक सेवा में आना चाह रहे युवाओं को प्रशिक्षित करना होगा ताकि उनका सपना पूरा हो।