मुंबई के आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला मामले में शुक्रवार (22 दिसंबर) को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण को मुबंई हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने अशोक चव्हाण के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल की मंजूरी को रद्द कर दिया है। यानी अब चव्हाण पर मुकदमा नहीं चलेगा।बता दें कि पिछले साल फरवरी, 2016 में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने इस मामले में अशोक चव्हाण पर मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी दे दी थी। राज्यपाल ने चव्हाण पर सीआरपीसी की धारा 197, आईपीसी की धारा 120-बी (षडयंत्र) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मुकदमा चलाने के लिए अपनी मंजूरी दी थी।
#FLASH: Bombay High Court sets aside Governor's sanction to prosecute Senior Congress leader and Former Maharashtra CM Ashok Chavan in Adarsh Scam. pic.twitter.com/UkVNUojsZu
— ANI (@ANI) December 22, 2017
उस वक्त कांग्रेस नेता ने राज्यपाल के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने दलील दी थी कि इस मामले में उनकी कोई संलिप्तता नहीं है, उन्हें बेवजह इसमें फंसाया जा रहा है। जज आरवी मोरे की खंडपीठ ने रोक लगाते हुए कहा कि चव्हाण के खिलाफ सीबीआई सबूत पेश करने में नाकाम रही है।
गौरतलब है कि जब यह घोटाला सामने आया था तब चव्हाण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। आरोप लगने के बाद नवंबर 2010 में उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। नांदेड से सांसद चव्हाण पर आदर्श सोसायटी में कथित तौर पर अपने रिश्तेदारों को दो फ्लैट दिलाने के लिए सोसायटी के लिए अतिरिक्त फ्लोर स्पेस इंडेक्स को मंजूरी देने का आरोप था।
मुंबई में बनाए गए अपार्टमेंट कारगिल के नायकों के परिजनों के लिए थे। लेकिन नियमों का उल्लंघन कर सैन्य अधिकारियों, नेताओं और नौकरशाहों को कथित तौर पर फ्लैटों के आवंटन किए गए। वर्ष 2010 में सामने आने के बाद आदर्श घोटाला भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया और इससे एक बड़ा राजनीतिक तूफान उठ खड़ा हुआ था।