राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को असम में एनआरसी से लोगों के बाहर होने को लेकर लोगों की चिंताओं को दूर करने के प्रयास के तहत कहा कि एक भी हिंदू को भारत छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा। मोहन भागवत के इस बयान पर आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने तंज कसा है। उन्होंने भागवत से कहा है कि बीजेपी से ये बयान दिलवाइए कि वो मुसलमानों को कब बांग्लादेश भेजेंगे।

आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मोहन भागवत की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए सोमवार को ट्वीट कर कहा, “भाजपाई कल तक NRC पर डिस्को डाँस कर रहे थे अब 12 लाख हिंदुओं को विदेशी घोषित करने के बाद बीजेपी की नई नौटंकी शुरू है अब भागवत जी कह रहे हैं हिंदुओं को देश नही छोड़ना होगा, भागवत जी बीजेपी से एक बयान दिलाइये मुसलमानों को कब तक बांग्लादेश भेजेंगे?”
भाजपाई कल तक NRC पर डिस्को डाँस कर रहे थे अब 12 लाख हिंदुओं को विदेशी घोषित करने के बाद BJP की नई नौटंकी शुरू है अब भागवत जी कह रहे हैं हिंदुओं को देश नही छोड़ना होगा,भागवत जी BJP से एक बयान दिलाइये मुसलमानो को कब तक बांग्लादेश भेजेंगे? https://t.co/w0CJJge3j7
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) September 23, 2019
भागवत ने रविवार को असम में एनआरसी से लोगों के बाहर होने को लेकर लोगों की चिंताओं को दूर करने के प्रयास के तहत कहा कि एक भी हिंदू को देश छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा। माना जा रहा है कि मोहन भागवत ने यह टिप्पणी संघ और भाजपा समेत उससे जुड़े संगठनों की बंद दरवाजे के पीछे हुई समन्वय बैठक के दौरान की।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, समन्वय बैठक के बाद संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि, “मोहन भागवतजी ने स्पष्ट कहा कि एक भी हिंदू को देश नहीं छोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि दूसरे राष्ट्रों में प्रताड़ना और कष्ट सहने के बाद भारत आए हिंदू यहीं रहेंगे।”
असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की 31 अगस्त को जारी हुई अंतिम सूची में 19 लाख से ज्यादा आवेदकों के नाम नहीं हैं, इसमे 12 लाख हिंदू भी शामिल है। संघ के सूत्रों के मुताबिक बैठक में मौजूद कुछ नेताओं ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक पंजी की कवायद शुरू करने से पहले राज्य में नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लागू करने की जरूरत को भी रेखांकित किया।
बैठक में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “बंगाल में पहले नागरिकता संशोधन विधेयक लागू होगा और इसके बाद एनआरसी लाई जाएगी। राज्य के हिंदुओं को इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।” राजस्थान में इस महीने के शुरू में संघ की तीन दिवसीय वार्षिक समन्वय बैठक के दौरान यह चिंता व्यक्त की गई थी कि “असम में एनआरसी की अंतिम सूची में कई वास्तविक लोग छूट गए थे जिनमें से अधिकतर हिंदू थे।”
माना जा रहा है कि भागवत का यह बयान इसी चिंता की पृष्ठभूमि में आया है। भागवत 19 सितंबर को कोलकाता पहुंचे थे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल भी इस बैठक में शामिल हुआ।