आम आदमी पार्टी (आप) की नेता व चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने ट्विटर पर पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज के साथ तीखी बहस के बाद बुधवार दोपहर अपने विधानसभा क्षेत्र में जामा मस्जिद के बाहर एक सभा का आयोजन करके एक ‘जनमत संग्रह’ कराया। अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अलका लांबा ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी ने पिछले चार वर्षों में तीसरी बार उनसे इस्तीफा मांगा है। उन्होंने अपने समर्थकों से पूछा कि क्या उन्हें आम आदमी पार्टी (आप) छोड़ कर वापस कांग्रेस में चला जाना चाहिए। जिसको लेकर उनके समर्थकों ने नकारात्मक में जवाब दिया।

अलका लांबा ने कहा, “आज मैं आपके बीच में एक बात लेकर आईं हूं और आप लोगों का फैसला चाहती हू। क्योंकि, 20 साल तक मैने कांग्रेस को दिए। लेकिन जब देश के अंदर सांप्रदायिकता के नाम पर दिल्ली में बीजेपी आते दिखी तो मैंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी में शामिल हुई और बीजेपी से लड़ रहीं हू। लेकिन कुछ लोग आज मुझसे ही लड़ रहें है, मेरी पार्टी के लोग मुझसे बार-बार इस्तीफा मांग रहें है। क्योंकि मैं पार्टी में लोकतंत्र की बात कर रहीं है।”
अलका ने आगे कहा, “आज एक बार फिर से पार्टी ने मुझ से इस्तीफा मांगा गया है इसलिए मैं आप लोगों के बीच में आईं हूं। मैं जानना चाहती हूं कि मैं पार्टी से क्यों इस्तीफा दूं, आखिर मेरी गलती क्या है।”
अलका लांबा ने कहा कि यह दूसरी बार था जब उनकी पार्टी ने उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा है। उनके अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल दिसंबर में उनसे इस्तीफा मांगा था। क्योंकि, उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिए भारत रत्न सम्मानों को वापस लेने की मांग के प्रस्ताव का विरोध किया था। लांबा ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया है, लेकिन बाद में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस पूरे मामले पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित थी।
मनीष सिसोदिया ने अलका लांबा के इस्तीफे की खबर पर कहा था कि ‘किसी से कोई इस्तीफा नहीं मांगा गया है, ये सब महज अफवाह है।’ वहीं, पार्टी का रुख साफ करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के पक्ष में नहीं हैं।
अलका लांबा ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में एक कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक कार्यक्रम रखा था, लेकिन स्थानीय विधायक होने के बावजूद उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था।