उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लाख दावे कर रही हो, लेकिन हकीकत इससे काफी दूर है। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में है। राज्य से रोज मासूम बच्चियों और महिलाएं से रेप व छेड़छाड़ की कोई न कोई घटनाएं सामने आती ही रहती है, जो चीख-चीखकर बता रही हैं कि यूपी में महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है। इस बीच, उत्तर प्रदेश की राजधानी के आलमबाग इलाके में आठ ऑटोरिक्शा चालकों के एक समूह ने मानसिक रूप से अस्वस्थ एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। सामूहिक दुष्कर्म के नौ आरोपियों में से चार को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एक महिला समेत पांच अन्य फरार हैं।
प्रतिकात्मक फोटोसमाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी की बेटी 23 सितंबर को लापता हो गई थी और उसके पिता ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। 24 सितंबर को आलमबाग थाने से उनके पास फोन आया और वहां उन्होंने अपनी बेटी को घायल और फटे कपड़ों में पाया। इसके बाद उसने दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की।
पीड़ित महिला ने अपने पिता को बताया कि पुरुषों के एक समूह ने उसे घर छोड़ने का वादा करते हुए एक ऑटोरिक्शा में बैठने के लिए कहा था। इसके बजाय, उसे आलमबाग में रेलवे कॉलोनी ले जाया गया जहां आठ लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसकी पिटाई की। वहां एक महिला भी थी।
इलाके के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन कर इन लोगों का पता लगाया गया और सोमवार को इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मध्य क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।