अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में भारतीय वायुसेना के दुर्घटनाग्रस्त विमान एएन-32 हादसे में जान गंवाने वाले वायुसेना के छह कर्मियों के शव और सात अन्य लोगों के पार्थिव अवशेष बरामद किए जा चुके हैं। पिछले एक सप्ताह से भी अधिक समय से भारतीय वायुसेना दुर्घटनास्थल पर, शव बरामद करने की कोशिश कर रही थी। खराब मौसम की वजह से हवाई अभियानों में लगातार दिक्कत आ रही थी।

गौरतलब है कि लापता एएन-32 विमान ने असम के जोरहाट से सोमवार दोपहर को उड़ान भरी थी और यह अरुणाचल प्रदेश के मेचुका जा रहा था, लेकिन 35 मिनट बाद इसका जमीनी एजेंसियों से संपर्क टूट गया। दुर्घटना में अपनी जान गंवाने वालों में विंग कमांडर जी एम चार्ल्स स्कवाड्रन लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एल आर थापा, एम के गर्ग, आशीष तंवर और सुमित मोहंती, वारंट ऑफिसर के के मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार, कॉरपोरल शेरीन, एलएसी (लीडिंग एयरक्राफ्ट मैन) एस के सिंह, एलएसी पंकज तथा गैर-लड़ाकू राजेश कुमार एवं पुताली शामिल हैं।
रूस निर्मित एएन-32 विमान तीन जून को असम के जोरहाट से चीन की सीमा के पास मेंचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड जा रहा था। तभी उड़ान भरने के करीब आधे घंटे बाद उसका रडार से संपर्क टूट गया। वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर ने मंगलवार को सियांग और शी-योमी जिलों की सीमा पर स्थित गाट्टे गांव के पास 12,000 फुट की ऊंचाई पर विमान का मलबा देखा था। इससे पहले, विमानों और हेलीकॉप्टरों के बेड़े तथा जमीनी बलों ने आठ दिनों तक व्यापक खोज अभियान चलाया था।
वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि बचावकर्मियों की 15 सदस्यीय एक टीम बुधवार को भेजी गई थी और उनमें से आठ लोग बृहस्पतिवार को दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। गौरतलब है कि एएन-32 विमान ने 3 जून को असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरी थी। इसमें क्रू मेंबर समेत 13 यात्री थे। और इसके मलबे का पता 11 जून को चल पाया। (इंपुट: भाषा के साथ)