उत्तर प्रदेश के कानपुर में राज्य सरकार द्वारा संचालित बालिका संरक्षण गृह में रहने वाली सात किशोरियां गर्भवती पाई गई हैं, जिनमें से 5 कोरोना वायरस से संक्रमित है और दो की रिपोर्ट निगेटिव है। डीएम ब्रम्हदेव तिवारी ने बताया कि युवतियां यहां लाए जाने से पहले ही गर्भवती थीं।
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, कानपुर संवासिनी गृह और वहां रह रही संवासनी के संबंध में मंडलायुक्त सुधीर एम बोबडे और जिलाधिकारी ब्रह्म देव राम तिवारी ने बताया, “इस संरक्षण गृह में 57 लोगों की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव पाई गई है। इस जांच में 7 बालिकाएं गर्भवती पाई गईं, जिसमें 5 कोरोना पॉजिटिव हैं, शेष 2 की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई।”
उन्होंने बताया, “जिन पांच बालिकाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, ये सभी पक्सो एक्ट के तहत क्रमश: जनपद आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद और कानपुर के सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) से संदर्भित करने के पश्चात यहां रह रही थीं। ये सातों बालिकाएं यहां प्रवेश के समय से ही गर्भवती थीं। पॉजिटिव बालिकाओं में से 2 बलिकाओं को एलएलआर में तथा 3 को रामा मेडिकल कॉलेज में कोविड प्रोटोकाल के अनुसार इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।”
इस मामले को लेकर विपक्ष भी मुखर है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “बिहार के मुजफ्फरपुर का मामला सबके सामने है। उत्तर प्रदेश के देवरिया में ऐसा ही मामला आ चुका है। ऐसे में पुन: इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति से साफ है कि सरकार ने सबक नहीं लिया। किसी को बख्शा नहीं जाएगा जैसे जुमले बोल देने से व्यवस्था नहीं बदलती मुख्यमंत्री जी। देवरिया से कानपुर तक की घटनाओं में क्या बदला।”
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, “कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई ख़बर से उप्र में आक्रोश फैल गया है। कुछ नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने का गंभीर खुलासा हुआ है। इनमें 57 कोरोना से व एक एड्स से भी ग्रसित पाई गयी है, इनका तत्काल इलाज हो। सरकार शारीरिक शोषण करनेवालों के ख़िलाफ़ तुरंत जाँच बैठाए।”
कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई ख़बर से उप्र में आक्रोश फैल गया है. कुछ नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने का गंभीर खुलासा हुआ है. इनमें 57 कोरोना से व एक एड्स से भी ग्रसित पाई गयी है, इनका तत्काल इलाज हो.
सरकार शारीरिक शोषण करनेवालों के ख़िलाफ़ तुरंत जाँच बैठाए.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 22, 2020
उधर, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाषिनी अली ने संवासिनी गृह प्रकरण में जांच कराए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने इस सिलसिले में एसएसपी को एक ज्ञापन भेजा है। इस विषय में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग उठाई है।
बता दें कि, कानपुर में पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है। कानपुर में इस वक्त कोरोना के 400 एक्टिव मामले हैं। वहीं, राज्य में इस खतरनाक वायरस की वजह से अब तक 570 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।