मध्य प्रदेश में अब भी जारी है स्वाइन फ्लू का कहर, सवा दो महीने में 44 लोगों की हो चुकी है मौत

0

मध्यप्रदेश में इस साल एक जुलाई से लेकर अब तक स्वाइन फ्लू से 44 लोगों की मौत हुई है। मध्यप्रदेश स्वास्थ्य संचालक डॉ. के एल साहू ने गुरुवार(7 सितंबर) को न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि एक जुलाई से लेकर सात सितंबर तक प्रदेश में स्वाइन फ्लू ने 44 लोगों की जान ली है।

Indian Express (Representational Image)

उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक जुलाई से लेकर अब तक जिन संदिग्ध मरीजों के नमूने जॉंच के लिये प्रयोगशालाओं में भेजे गये थे, उनमें से 226 की रिपोर्ट एच1एन1 एन्फ्लूएंजा वायरस के लिए पॉजिटिव आई है। साहू ने बताया कि स्वाइन फ्लू का प्रकोप सबसे ज्यादा प्रदेश के भोपाल, जबलपुर, इंदौर एवं सागर जिले में है। इसके अलावा, यह प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी फैला हुआ है।

उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू से सबसे ज्यादा भोपाल एवं इंदौर जिलों में पांच-पांच मौते हुई हैं, जबकि जबलपुर एवं सागर जिलों में तीन-तीन और शहडोल एवं सीहोर जिले में इस बीमारी से दो-दो लोगों की मरने की सूचना मिली है। साहू ने बताया कि वहीं, जिन 226 मरीजों की रिपोर्ट स्वाइन फ्लू के लिए पॉजिटिव आई है, उनमें भोपाल जिले के 45 मरीज, जबलपुर जिले के 36, इंदौर जिले के 17, सागर जिले के 15, उज्जैन जिले के 13, सागर जिले के आठ तथा शहडोल एवं दमोह जिलों के सात-सात मरीज शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि यह कहना बहुत मुश्किल है कि कब तक इस बीमारी पर पूरी तरह से काबू पा लिया जायेगा, क्योंकि गुजरात एवं महाराष्ट्र सहित अन्य कुछ राज्यों में भी यह बीमारी फैली हुई है। हालांकि, मध्यप्रदेश सरकार इसके रोकथाम एवं उचित उपचार के लिए भरसक प्रयास कर रही है।

इस बीच, मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रुस्तम सिंह ने कल स्वाइन फ्लू की समीक्षा करते हुए प्रदेश में स्वाइन फ्लू जॉंच लैब प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में खोलने के निर्देश दिये हैं। सिंह ने कहा है कि इससे जॉंच में विलंब नहीं होगा और तत्काल इलाज शुरू किया जा सकेगा। अभी यह लैब जबलपुर, ग्वालियर और एम्स भोपाल में है।

उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की मुख्य भूमिका व्यक्ति के अस्वस्थ होने के बाद शुरू होती है। स्वाइन फ्लू में इलाज में देरी घातक सिद्ध हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जनपद पंचायत, आशा एवं उषा कार्यकर्ता जन-जन को जागरूक करें और प्रभावित होने पर अस्पताल पहुॅंचाएं।

सिंह ने कहा कि स्वाइन फ्लू असाध्य बीमारी नहीं है बशर्ते मरीज वक्त रहते चिकित्सक से परामर्श प्राप्त करें। स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश के अस्पतालों में टेमीफ्लू, ऑक्सीमीटर, ट्रिपल लेयर मास्क, एन-95 मास्क, परीक्षण लैब, उपकरण आदि की भी जानकारी ली।

उन्होंने स्वाइन फ्लू और साधारण फ्लू में अंतर और इससे बचाव की जानकारी का लोगों में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये। सिंह ने सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि सभी सरपंच आज से ही ग्रामसभा में स्वाइन फ्लू के इलाज और बचाव की जानकारी देना शुरू करें।

Previous articleअपनी ग्लैमरस ड्रेस की वजह से ट्रोल हुईं मिताली राज, लोगों ने कहा- तुम एक्ट्रेस नहीं क्रिकेटर हो
Next articleBJP defends ‘bitch fame’ troll followed by PM, equates him to Rahul Gandhi and Arvind Kejriwal