उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक युवक ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। एक सरकारी कार्यालय में एडहॉक बेसिस पर काम करने वाले 26 वर्षीय कंप्यूटर ऑपरेटर की आत्महत्या बड़े विवाद में बदल गई है। मृतक की पहचान विशाल सैनी के रूप हुई है। उसने लखनऊ के चांदगंज इलाके में बुधवार शाम एक चलती ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।
युवक ने अपना एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसकी मौत के लिए एक महिला आईपीएस अधिकारी प्राची सिंह जिम्मेदार है। सुसाइड नोट में सैनी ने लिखा, “मेरी मौत के लिए प्राची सिंह (आईपीएस 2017 बैच) को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।”
मृतक द्वारा छोड़े गए नोट में कहा गया है, “उसने मुझे फर्जी सेक्स रैकेट मामले में फंसाकर मेरा करियर बर्बाद कर दिया। मैं अपने माता-पिता और परिवार के सदस्यों का सामना नहीं कर सकता था। मेरी मौत के बाद आईपीएस अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, आत्महत्या करने से ठीक पहले, सैनी ने आपातकालीन सेवा 112 को फोन किया था और खुदकुशी करने के फैसले के बारे में सूचित किया था। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और उसे सैनी का शव दो टुकड़ों में मिला।
प्राची सिंह, जो लखनऊ में पुलिस उपायुक्त (उत्तर) के पद पर तैनात हैं, ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने शहर के छह मसाज पार्लर और स्पा सेंटरों पर छापा मारने के लिए एक टीम का नेतृत्व किया था और लगभग 20 लोगों को पकड़ा था। अधिकारी ने कहा, “विशाल उनमें से एक था, लेकिन हमने उसे निर्दोष पाकर छोड़ दिया था। मुझे उसके द्वारा इस तरह का कदम उठाने का अफसोस है।”
वहीं, मृतक के माता-पिता ने कहा कि उनका बेटा एक स्ट्रीट फूड जॉइंट में खा रहा था जब पुलिस ने पास के एक स्पा सेंटर पर छापा मारा था। मृतक के पिता अर्जुन सैनी ने कहा, “मुझे नहीं पता कि पुलिस ने उसे क्यों उठाया था। वह रिहा होने से पहले 20 दिनों तक जेल में था। पुलिस को उसके खिलाफ कोई मामला नहीं मिला। जब से वह घर आया था, तब से वह काफी डिप्रेशन में था।” वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस घटना पर टिप्पणी करने से बचते रहे, लेकिन कहा कि मामले की जांच चल रही है।