मिस्र में अब तक के सबसे भीषण आतंकी हमले में अशांत उत्तरी सिनाई क्षेत्र की एक मस्जिद में दहशतगर्दो ने जुमे की नमाज के समय कहर बरपाया। पहले आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) से धमाका किया और फिर गोलियां बरसाईं। इसमें 235 लोग मारे गए, जबकि 120 अन्य घायल हैं। इस्लामिक स्टेट (आईएस) इस तरह की वारदात को अंजाम देता रहा है।सरकारी न्यूज एजेंसी ‘मेना’ के मुताबिक, हमलावरों ने अल-आरिश शहर की अल-रावदा मस्जिद को निशाना बनाया। धमाके के बाद मची भगदड़ के दौरान मस्जिद के बाहर एक वाहन में मौजूद चार आतंकियों ने श्रद्धालुओं पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। मस्जिद भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। हमले के बाद 50 एंबुलेंस मौके के लिए रवाना की गई।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सरकारी टीवी चैनल ‘मसरिया’ पर स्वास्थ्य मंत्रलय के प्रवक्ता खालिद मुजाहिद ने इसे आतंकी हमला करार दिया है। आतंकियों ने मस्जिद में नमाज अदा करने आए सेना के समर्थकों को निशाना बनाने के लिए यह हमला किया। मिस्र में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया गया है। अल-आरिश-रफाह रोड को बंद कर दिया गया है। राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने आपात बैठक की।
इस मस्जिद में सूफी मत के लोग नियमित तौर पर आते रहते हैं। आइएस सूफी मतावलंबियों को विधर्मी मानता है। उधर, वारदात के बाद सेना ने उत्तरी सिनाई क्षेत्र में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। खासकर पहाड़ी इलाकों में बमबारी की जा रही है। आतंकी हमले की दुनियाभर के नेताओं ने निंदा की है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘मैं धर्मस्थल पर बर्बर आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं।’ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले को डरावना और कायराना बताया। ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरिजा मे और नाटो के महासचिव जेंस स्टॉलटेनबर्ग के अलावा तुर्की, इटली और कुवैत ने भी घटना की निंदा की है। मिस्र की सरकार ने तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है।
मिस्र में इस साल कई आतंकी हमले हुए
मिस्र के उत्तरी सिनाई में जनवरी, 2011 की क्रांति के बाद से ही कई हिंसक हमले हुए हैं। जनवरी, 2011 में हुई क्रांति से राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक की सत्ता चली गयी थी। साल 2013 में मोहम्मद मुर्सी को राष्ट्रपति पद से अपदस्थ किए जाने के बाद उत्तरी सिनाई में हमलावरों ने पुलिस और सेना को निशाना बनाया है। इसके बाद से 700 से अधिक सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं। सेना ने इलाके में सैन्य अभियान शुरू कर रखा है, संदिग्धों को गिरफ्तार किया और आतंकवादियों के मकानों को ध्वस्त कर दिया।
मिस्र में इस साल कई आतंकी हमले हुए हैं। बीते 26 मई को मिस्र के मध्य क्षेत्र में ईसाई समुदाय के लोगों को ले जा रही बस पर बंदूकधारियों ने हमला किया गया था जिसमें कम से कम 28 लोग मारे गए थे और 25 अन्य घायल हो गए। अलेक्जेंड्रिया और टांटा में गिरजाघरों को निशाना बनाकर बीते नौ अप्रैल को दो आत्मघाती हमले हुए थे जिनमें 46 लोग मारे गए थे।