ब्लैक फंगस: इंजेक्शन की कालाबाजारी के 2 आरोपी नोएडा से गिरफ्तार, अपोलो अस्पताल का सुपरवाइजर भी शामिल

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देशभर में तेजी से फैल रहे घातक कोरोना वायरस की दूसरी लहर में अब ब्लैक फंगस की दवाइयों की कालाबाजारी के मामले सामने आने लगे हैं। ताजा मामला नोएडा से सामने आया है, जहां ब्लैक फंगस की कालाबाजारी करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, इसमें अपोलो फार्मेसी के सुपरवाइजर का नाम भी शामिल है।

नोएडा

समाचार एजेंसी आईएएनएस ने पुलिस विभाग द्वारा दी गई जानकारी के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि, नोएडा थाना सेक्टर-58 पुलिस ने अपोलो अस्पताल में सुपरवाइजर के द्वारा आवश्यक इंजेक्शन ब्लैक फंगस की बीमारी में काम आने वाली दवा की कालाबाजारी करने वाले 2 आरोपियों को सेक्टर-62 फोर्टिस अस्पताल के पास से गिरफ्तार किए हैं। इनके कब्जे से कब्जे से 2 इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। यह इंजेक्शन आरोपित अनुराग जो की अपोलो फार्मेसी में सुपरवाइजर के पद पर काम करता है वो अपनी जान पहचान की फार्मेसियों से तथा अन्य माध्यम से कम कीमत पर खरीद कर लाता था।

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने बताया, “कोविड-19 के उपचार में काम आने वाले अति आवश्यक इंजेक्शनो रेमडेसिविर व एम्फोटेरिसिन बी आइमुलिशन 50 एमजी/10 एमजी महंगे दामों में अस्पतालों के आसपास बीमार व्यक्तियों के परिजनों से संपर्क करके उन्हें बेच देते थे।”

उन्होंने कहा, “पहले सैम्पल के तौर पर एक या दो इंजेक्शन दिखाते हैं और दे देते हैं। बाद में सौदा होने पर सारे इंजेक्शन मुंहमांगी कीमत पर बीमार व्यक्तियों के परिजनों को बेच देते हैं, आज भी हम इंजेक्शन का सैम्पल लेकर फोर्टिस अस्पताल के पास आए थे।”

गौरतलब है कि, तेजी से पांव पसार चुके कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरे भारत में कोहराम मचा रखा है।भारत में कोरोना के नए मामले बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में बेड, दवा और ऑक्सीजन की भी भारी कमी देखने को मिल रही है और जिन संक्रमित लोगों को अस नहीं मिल पा रहा है, वह अपने घर में ही बंद पड़े हुए हैं। जिसकी वजह से बहुत से मरीजों को सही समय पर उपचार न मिल पाने की वजह से उनकी जान भी जा रही है।

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