अमेरिका द्वारा यरुशलम को इजरायल की राजधानी घोषित किए जाने के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर भारत समेत 128 देशों ने अपनी सहमति जताई। गुरुवार (21 दिसंबर) को प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में सिर्फ नौ देशों ने ही अमेरिका के साथ सहमति जताई।
Photo: Getty Imagesदरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पास कर अमेरिका से यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के फैसले को वापस लेने को कहा है। इस प्रस्ताव का भारत समते 128 देशों ने समर्थन किया, जबकि सिर्फ नौ देशों ने ही प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया। इस दौरान 35 देशों ने वोटिंग में हिस्सा ही नहीं लिया।
इससे पहले अमेरिका ने धमकी दी थी कि जो भी देश प्रस्ताव के पक्ष में वोट देंगे, उन्हें अमेरिका की तरफ से दी जाने वाली आर्थिक मदद में कटौती की जाएगी। हालांकि बावजूद इसके इन धमकियों का कोई खास असर नहीं पड़ा। प्रस्ताव के विरोध और अमेरिका के समर्थन में वोट करने वाले देशों में ग्वाटेमाला, होंडुरास, इजरायल, मार्शल आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया, पलाउ, टोगो और अमेरिका शामिल रहे।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने महासभा के प्रस्ताव की आलोचना की है। हेली ने कहा कि अमेरिका इस दिन को याद रखेगा, जब अमेरिका को एक संप्रभुत्व राष्ट्र के तौर पर फैसला लेने के लिए अकेला करके संयुक्त राष्ट्र महासभा में निशाना बनाया गया।
ट्रंप ने दी धमकी
येरुशलम को इजरायली राजधानी के रूप में मान्यता देकर अलग-थलग पड़े अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले का विरोध करने वाले देशों को धमकी दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी मान्यता को खारिज करने के लिए महासभा में लाए जा रहे प्रस्ताव का समर्थन करने वालों देशों की वह आर्थिक मदद रोक देंगे।
ट्रंप ने बुधवार को कहा कि ये हमसे अरबों डॉलर की मदद लेते हैं और फिर हमारे खिलाफ मतदान करते हैं। हम देख रहे हैं। इन्हें हमारे खिलाफ वोटिंग करने दो। हमें इससे फर्क नहीं पड़ता। ट्रंप का यह बयान संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेले के ट्वीट के बाद आया है।