कानपुर अपहरण व हत्याकांड केस में डिप्टी एसपी सहित 10 पुलिसकर्मी निलंबित

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कानपुर के बिकरू कांड के बाद लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की अपरहण के बाद हत्या और गाजियाबाद में पत्रकार की हत्या जैसे मामलों से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद खफा हैं। विकास दुबे और संजीत यादव की अपरहण के बाद हत्या के मामलो को लेकर कानपुर पुलिस खुद को एक कटघरे में खड़ी होती हुई नज़र आ रही है, क्योंकि संजीत यादव के परिवार वालों ने पुलिस पर फिरौती की सुविधा देने सहित कई गंभीर आरोप लगाए है। कानपुर में लैब असिस्टेंट संजीत यादव के अपहरण और हत्या के मामले में मुख्यमंत्री ने बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी ने कानपुर के एएसपी व सीओ सहित 10 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है।

कानपुर

कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण और हत्या के मामले में 10 पुलिसकर्मी निलंबित हुए हैं, जिसमें एक आईपीएस अधिकारी (एएसपी), एक पीपीएस अधिकारी (सीओ), एक इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर और पांच सिपाही हैं। IPS ऑफिसर अपर्णा गुप्ता, तत्कालीन डिप्टी एसपी मनोज गुप्ता, तत्कालीन एसओ बर्रा रणजीत राय, थाना एवं चौकी इंचार्ज राजेश कुमार समेत 5 सिपाहियों को इस मामले में निलंबित कर दिया गया।

बता दें कि, कानपुर जिला पिछले एक महीने से काफी सुर्खियों में बना रहा है। बिकरू कांड के बाद बर्रा अपहरण कांड ने कानपुर पुलिस को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। इसके बाद यूपी पुलिस के कामकाज पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। बिकरू हत्याकांड के बीच कानपुर के बर्रा से एक खबर आई कि यहां पर लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का करीब एक महीने पहले 22 जून की रात को हॉस्पिटल से घर आने के दौरान अपहरण हो गया था। इस मामले में कानपुर पुलिस की भूमिका पर शुरू से ही सवालों खड़े किए जा रहे हैं।

बता दें कि, कानपुर के बर्रा से 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव (28) का अपहरण फिरौती के लिए उसके दोस्त ने साथियों के साथ मिलकर किया था। 26 जून को उसकी हत्या कर लाश पांडु नदी में फेंक दी थी। इसके बाद पुलिस को चकमा देकर 13 जुलाई को 30 लाख की फिरौती भी वसूल ली थी। गुरुवार रात पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने बताया कि कुलदीप संजीत के साथ सैंपल कलेक्शन का काम करता था। उसने रतनलाल नगर में किराये पर कमरा ले रखा है। 22 जून की रात शराब पिलाने के बहाने वह संजीत को अपने कमरे पर लाया। इसके बाद उसे बंधक बना लिया।

चार दिन तक बेहोशी के इंजेक्शन देकर उसे बंधक बनाए रखा। इसके बाद 26 जून को कुलदीप ने अपने दोस्त रामबाबू और तीन अन्य के साथ मिलकर संजीत की हत्या कर दी। इसके बाद कुलदीप शव को अपनी कार में रखकर पांडु नदी में फेंक आया। इस घटना ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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