भ्रष्ट देशों की सूची में भारत 85 से 76 वें अंक पर आया

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दुनियाभर में भ्रष्टाचार को लेकर ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल वाार्षिक रिर्पोट जारी करती है। इस वर्ष अपनी वाार्षिक रिर्पोट में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल भारत को 85 से खिसककर 76 वे स्थान पर रख दिया है।
भारत में भष्ट्राचार एक प्रमुख समस्या है। सरकारी तंत्र में वरिष्ठ से लेकर कनिष्ठ तक बिना रिश्वत के काम नहीं करते जिससे आम लोगों में भारी रोष है जिसके चलते दुनियाभर में भारत भष्ट्राचार के मामले में बदनाम रहता है।
हालाकिं इस बार इस रिर्पोट के अनुसार भारत ने अपनी छवि को बेहतर बनाया है और भष्ट्राचार के मामले में सुधार दिखा है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, भ्रष्‍टाचार के मामले में भारत की छवि में काफी सुधार दिखाई दिया है। करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2015 में भारत ने भ्रष्टाचार खत्म करने के मामले में अपनी छवि को बेहतर बनाया है। 168 देशों वाली इस सूची में भारत अब 85 से 76 वें नंबर पर पहुंच गया है। बता दें कि इस सूची में डेनमार्क नंबर एक पर बना हुआ है।

जहां 2014 में भारत 85 वें स्‍थान पर था तो 2013 में वह 94 वें स्‍थान पर था। यानी भारत के भ्रष्‍टाचार में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है। करप्शन परसेप्शन्स इंडेक्स (सीपीआई) 2015 में भारत का स्कोर पिछले साल की तरह ही 38 बना हुआ है। गौरतलब है कि सीपीआई में जीरो से लेकर 100 तक नंबर होते हैं। जिस देश के अंक जितने ज्यादा होते हैं, उस देश में भ्रष्टाचार उतना ही कम होता है।

इस मामले में डेनमार्क सबसे आगे है। डेनमार्क में सबसे कम भ्रष्टाचार है। इसके बाद फिनलैंड (90 अंक) के साथ दूसरे और स्वीडन (89 अंक) के साथ तीसरे स्‍थान पर बना हुआ। इस मामले में भारत 76वें स्थान पर है। वहीं उत्‍तर कोरिया अौर सोमालिया में सबसे बुरी स्थिति है. इन दोनों के पास आठ अंक है।

बुधवार को जारी की गई इस रिर्पोट में भ्रष्टचार को लेकर दिए गए आंकड़े बढ़ते हुए बताते है कि किस देश में कितना कारगर उपाय भ्रष्टचार को लेकर किया जा रहा है। इसके अलावा भ्रष्‍टाचार के मामले में भूटान का स्थान 27वां है, और उसकी रैंक 65 है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के अन्य पड़ोसी देशों की हालत काफी खराब है।

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