जेल में 20 साल के बाद, तंदूर हत्याकांड के दोषी सुशील शर्मा को किया मुक्त

0

सुशील शर्मा, एक पूर्व युवा कांग्रेस नेता को उसकी पत्नी नैना साहनी की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा मिली थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कोई भी कंडीशन लगाए बिना पैरोल दे कर उसे पैरोल पर छोड़ा है।

शर्मा पिछले बीस साल से मशहूर ‘तंदूर हत्याकांड’ के दोषी के रूप में जेल में बंद है।

नैना साहनी, एक कांग्रेस कार्यकर्ता और सुशील शर्मा की पत्नी जिसकी 2 जुलाई 1995 को हत्या कर दी गई थी और उनके शरीर के टुकड़े कर दिल्ली के एक लोकप्रिय रेस्तरां के एक तंदूर में डाल दिय़े गए थे।

क्षेत्र के कुछ पुलिसकर्मियों ने तंदूर से घने धुएं को निकलते देखा, जब उन्होंने पास जा कर देखा तो उन्हे नैना का आधा जला शव टुकड़ो में मिला। उस वक्त सुशील शर्मा भाग गया, लेकिन एक सप्ताह बाद उसने खुद आत्मसमर्पण कर दिया था।

एक निचली अदालत ने सुशील को दोषी करार देकर, 2003 में मौत की सज़ा दी थी। सुशील शर्मा को नैना पर शक था कि उसका एक अन्य पार्टी के कार्यकर्ता के साथ रोमांटिक अफेयर चल रहा था। इसलिए उसने अपनी पत्नी को मार कर उनके शरीर के टुकड़े कर दिल्ली के उस रेस्तरां के तंदूर में डाल दिया था जहां सुशील का एक दोस्त मैनेजर था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुशील की मौत की सज़ा बरक़रार रखी, लेकिन 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसे हत्या का अपराध एक ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है जिसके तहत उसे आजीवन कारावास में बदल दिया गया थ।

कोर्ट ने कहा था,”यह अपराध समाज के खिलाफ नहीं है बल्कि यह अपनी पत्नि के साथ के तनावपूर्ण संबंधों के कारण एक अपराध है”

सुशील को इससे पहले पैरोल तब दिया गया था जब उसकी माँ बीमार थी जिसके बाद वह 7 सितंबर को जेल लौट आया था।

Previous articleसोमनाथ को कोर्ट से दो दिन की राहत, नहीं होंगे अरेस्ट
Next articleJhabua blasts: Is there more to what’s being reported?