शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक PIL को को सुनने से इंकार कर दिया जिसमें हेडली के बयानों को ध्यान में रख कर 2004 के इशरत जहां के एनकाउंटर मामले में गुजरात पुलिस के कई अधिकारीयों के ऊपर लगे आपराधिक मामलों को खारिज करने के लिए कहा गया था।
जस्टिस पी सी घोष और जस्टिस अमिताभ रॉय की बेंच ने कहा, “आर्टिकल 32 का आखिर फिर क्या उद्देश्य है? आप इस तरह का केस इस के अंतर्गत दायर नहीं कर सकते हैं । अगर आप चाहें तो आर्टिकल 226 के अंतर्गत हाई कोर्ट जा सकते हैं । ”
सर्वोच्च न्यायलय ने कहा कि वह उनकी याचिका को सिरे से ख़ारिज नहीं कर रही है ताकि याचिकाकर्ता निचली अदालतों में अपनी गुहार लगा सके ।
इशरत जहाँ के एनकाउंटर मामले में DIG बंजारा सहित गुजरात के कई पुलिस अधिकारीयों के विरुद्ध इस समय मुंबई की एक अदालत में केस चल रहा है |
याचिका में इस बात की दलील दी गई थी कि डेविड हेडली के बयान के बाद एनकाउंटर में मारे गए चारों लोगों के आतंकवादी होने की पुष्टि हो गई थी ।