अधिकारी मोबाइल पर पोर्न देखता रहा और मीटिंग चलती रही

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हमारी संसद हो, विधानसभा हो या सरकारी कार्यालय अब सरकारी मुलाजिमों, बड़े अधिकारियों, नेताओं के लिये इन जगहों पर मीटिंग के दौरान अश्लील वीडियों देखना आम बात हो चली है। होनी भी चाहिए क्योंकि सरकारी अधिकारी और हमारे नेता ये बात अच्छे से जानते है कि उनके द्वारा किए गए इस महान कृत्य पर किसी तरह की कोई कारवाई तो होनी नहीं तो फिर क्यों ना वो इन बोरिंग मीटिंग को पोर्न वीडियों देखकर रोमांचक बना ले।

इस तरह की ताजा हरकत की है भोपाल नगर निगम में जोन 10 के जोनल अधिकारी अनिल शर्मा ने। 18 जनवरी को मध्यप्रदेश के भोपाल नगर निगम में राजस्व बढ़ाने को लेकर नगर निगम कमिश्नर की अगुवाई में बैठक कर रहा था जिसमें नीचे से उपर तक के सभी अधिकारी उपस्थित थे।

अनिल शर्मा के अलावा मीटिंग में अन्य अधिकारी भी बेहद दिलचस्पी से अपने-अपने मोबाइलों पर दूसरी गतिविधियों में व्यस्त नजर आए लेकिन अधिकारी ये भूल जाते है कि कैमरे अपना काम कर रहे है और उनकी इस तरह की हरकतों पर नज़र बनाए हुए है। जनता के रिपोर्टर पर अपलोड इस वीडियों में आप देख सकते है कि कितने आराम से अनिल शर्मा वीडियों देखने में व्यस्त है और इतना ही नहीं वो अलग-अलग तरह की वैरायटी वाले वीडियों को तरजीह देते है और बड़े सुकून के साथ वीडियों का मजा लेते है। परिषद द्वारा कार्रवाई की रिकाॅर्डिंग वाले वीडियों से अनिल शर्मा और दूसरे अधिकारियों की गतिविधियों का खुलासा हो सका।
इस वीडियों के सामने आने पर जब जोनल अधिकारी से इस बाबत पुछा गया तो उन्होंने बहुत ही शानदार जवाब दिया उन्होंने कहा कि ‘वो मोबाइल पर पोर्न नहीं देख रहे थे, उनके स्मार्ट फोन पर अचानक से एक विज्ञापन आ गया था वो तो उसे बंद कर रहे थे, चूंकि मेरा मोबाइल नया है इसलिये मुझे इसे चलाना नहीें आता इसलिये में इसे बंद नहीं कर पा रहा था। बस उसी समय कैमरे ने मुझे रिकाॅर्ड कर लिया।’
अनिल जी अपनी सफाई में कुछ भी कहे लेकिन रिकाॅर्ड हुए वीडियों में साफ-साफ देखा जा सकता है कि वो कितने आराम से पोर्न वीडियों का मजा ले रहे है। अनिल जी ने इसलिये भी बेफ्रिकी से सवाल का जवाब दिया है क्योंकि वो जानते है कि इस तरह के महान कामों पर किसी तरह की कोई कारवाई तो होनी नहीं है।
दूसरी तरफ जब पूरे मामले को कमिश्नर तेजस्वी एस. नायक के समक्ष लाया गया तो उन्होंने भी सरकारी जवाब इस मामले पर चस्पा कर दिया है। कमिश्नर तेजस्वी एस. नायक ने कहा “सबसे पहले हम शोकाॅज जारी कर रहे है, और एक समिति का गठन करने के बाद हम प्रारम्भिक लेवल पर ही कार्यवाही कर पाएगें। अपर आयुक्त के हैड में एक समिति का गठन कर दिया गया है। जब समिति अपनी रिपोर्ट देगी तब ही हम बता पाएगें कि हम क्या कारवाई कर पाएगें।”
अनिल शर्मा पर कोई कारवाई हो या ना हो लेकिन सरकारी नुमाइन्दें ये अच्छे से जानते है कि सरकार का काम करने का क्या तरीका है और जब तक इस तरह के तरीकों में बदलाव नहीं आएगा तब तक तो अनिल शर्मा और दूसरे अधिकारी बैखोफ होकर मीटिंग के दौरान अश्लील वीडियों का लुत्फ ले ही सकते हैं।
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