वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि विश्व बैंक द्वारा जारी ताजा रैंकिंग में भारत को वास्तव में काफी ऊपर जगह मिलनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि विश्व बैंक ने भारत सरकार द्वारा कारोबारी माहौल में सुधार लाने के लिए उठाए गए सभी कदमों पर ध्यान नहीं दिया।
जेटली ने ‘द ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ शीर्षक से अपने फेसबुक पेज पर लिखा, “विश्व बैंक ने कारोबार करने की सहजता वाले देशों की सूची में भारत को 12 स्थान ऊपर जगह दी है।
पिछले महीने इसी तरह वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने भी भारत की रैंकिंग में इजाफा किया था। भारत की इस दिशा में तरक्की आंकड़ों के लिहाज से अच्छी है और यह प्रतिकूल प्रवृत्ति के उलट दिखाई देता है।”
जेटली ने आगे लिखा, “पिछले 17 महीनों में भारत सरकार ने जितने कदम उठाए हैं उन्हें देखा जाए तो भारत की स्थिति इस रैंकिंग में और ऊपर होनी चाहिए थी। मैं समझ सकता हूं कि इन सभी कदमों को ध्यान में नहीं रखा जा सकता था, क्योंकि विश्व बैंक ने अपने मानक में एक अवधि निर्धारित कर रखी है और घोषणा होने के बाद उनके अनुरूप की गई कार्यवाहियों पर भी ध्यान दिया जाता है।”
विश्व बैंक द्वारा जारी इस ताजा सूची में भारत 134वें स्थान से उठकर 130वें पायदान पर पहुंच गया, जो किसी दक्षिण एशियाई देश द्वारा सर्वाधिक है।
छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा करने के मामले में भी भारत दुनिया के शीर्ष-10 देशों में शामिल हो गया है और इस दिशा में उसकी रैंकिंग आठवीं है।
जेटली ने कहा कि कारोबार करने के लिए जरूरी अनुमतियों की संख्या में कमी करने की जरूरत है ताकि निवेश करने की घोषणा के बाद वास्तविक निवेश होने में लगने वाले समय को कम किया जा सके।