शास्त्री जी के निधन के बाद से आज तक 2 अक्टूबर को शास्त्री जयंती के रूप मनाया जाता है, इसके उपलक्ष में भारत सरकार अपनी तरफ से इस दिन कार्यक्रम का भी आयोजन करती थी, परंतु वर्तमान मोदी सरकार ने शास्त्री जयंती को अपने सरकारी आयोजनों की लिस्ट से हटा दिया है, आयोजन और उसका खर्च भारत सरकार द्वारा होता था परंतु रिपोर्ट्स के अनुसार इस बार ऐसा नही किया गया है।
आज पहली बार शास्त्री जयंती पर देश के प्रधानमंत्री विजय घाट पर नही गए जो की पुरे देश में एक आलोचना का विषय बना हुआ है।
लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री और उनके पौत्र आदर्श शास्त्री दोनों ने इस घटना पे बेहद दुःख जाहिर किया है । लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र आदर्श शास्त्री ने कहा, ” शास्त्रीजी हमारे देश के प्रेरणा स्रोत हैं, उनके साथ सरकार का ऐसा करना बेहद ही निंदनीय है”
आदर्श शास्त्री का ये भी कहना है कि “मोदी जी अपने भाषणों मे तो शास्त्री जी का नाम बहुत लेते हैं, पर उनके लिए कोई कदम नही उठाते, लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल के चेयरमैन खुद प्रधानमंत्री जी हैं लेकिन उसकी हालात बहुत ही खराब है, सरकार ने किसी भी प्रकार का कोई भी योगदान नहीं दिया है”
जबकि इसपे सरकार की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नही आई है। लेकिन दूसरी पार्टियों के नेताओं ने मोदी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मोदी पर उपेक्षा का आरोप लगाया है।