मध्य प्रदेश में दतिया के जिलाधिकारी (कलेक्टर) प्रकाश जांगड़े ने मंदिर क्षेत्र में बैरीकेड न लगाने पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के कार्यपालन यंत्री (एक्जीक्यूटिव इंजीनियर) के.के. सिंगोर को कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया। इससे इंजीनियरों के संगठन में नाराजगी है। इंजीनियरों के संगठन ने मंगलवार को मुख्य सचिव अंटोनी डिसा को ज्ञापन सौंपकर अधिकारियों के निलंबन की मांग की है।
प्रशासनिक अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि नवरात्र का पर्व होने के कारण खेरीमाता के मंदिर में मंगलवार को भंडारा हो रहा था, इस भंडारा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना के मद्देनजर सुरक्षा के इंतजाम किए जाना थे। इसका जायजा लेने जिलाधिकारी जांगड़े सहित अफसरों का दल मौके पर पहुंचा। बैरीकेड लगाने का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया था। इस काम को जब पीडब्ल्यूडी ने करने में आनाकानी की, तो जिलाधिकारी जांगड़े और सिंगोर में तू-तू मैं-मैं हो गई।
प्रत्यक्षदर्शी अफसरों के अनुसार, जिलाधिकारी व सिंगोर दोनों तैश में थे और एक-दूसरे से झूमाझपटी करने लगे। इसी दौरान जिलाधिकारी जांगने ने सिंगोर को थप्पड़ मार दिया। वहां मौजूद पुलिस अधीक्षक इरशाद बली ने दोनों अफसरों को अलग-अलग किया। बाद में किसी तरह मामला शांत हुआ।
इस घटना को लेकर मप्र यात्रिकी सेवा और डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को भोपाल में मुख्य सचिव डिसा को ज्ञापन सौंपा। यांत्रिकी सेवा के प्रदेशाध्यक्ष अखिलेश उपाध्याय ने संवाददाताओं को बताया है कि सिंगोर को थप्पड़ मारने से पहले एक उपयंत्री (सब इंजीनियर) से भी झूमाझपटी की गई, उसके बाद सिंगोर से अभद्रता हुई।
इतना ही नहीं, इन अफसरों को आरोपियों की तरह पुलिस की गाड़ी में बैठाया गया। यह एक कर्मचारी का अपमान है।
कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि राज्य के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले इंजीनियरों को सम्मानित किया जाना तो दूर उन्हें अपमानित किया जा रहा है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें निलंबित नहीं किया गया तो कर्मचारी आंदोलन को मजबूर होंगे।
इंजीनियरों के आरोप के संबंध में जिलाधिकारी जांगड़े और पुलिस अधीक्षक बली से आईएएनएस ने संपर्क किया, मगर दोनों ही अपना पक्ष रखने के लिए उपलब्ध नहीं हुए।