मध्य प्रदेश के मंदसौर की इंदिरा कॉलोनी में पिछले 10 साल से रहने वाली एक 45 वर्षीय एक मजदूर सुगरा बी ने एक मंदिर खोज निकला है ।
इस मुसलमान महिला ने खंडहर बन चुका यह मंदिर उसके घर के पास ही था जिसके बारे में कोई भी नही जानता था।
सुगरा ने बताया की मंदिर की खोज के बाद उन्होंने उसकी मरम्मत कराने के बारे में सोचा। उन्होंने कॉलोनी के सभी लोगों को इकठ्ठा कर सबसे 2-2 रुपये इकठ्ठे किये और उस मंदिर को दोबारा बनवाया।
जब मंदिर की देख रेख की बात की गयी तो सुगरा ने कहा, “हिन्दू-मुस्लमान सब लोग इस मंदिर का ख्याल रखते हैं, नवरात्री भी मनाते हैं। जब धर्म हममें फर्क नहीं करता तो हम फर्क क्यों करें। दुर्गा तो पूरी दुनिया की मां है इसलिए मैंने मंदिर को दोबारा बनाने का फैसला किया।”
इस मंदिर को बनाने में वालों की लगन और एक जुट हो कर काम करने की लगन ने मध्यप्रदेश के इस साधारण से इलाके को आसाधारण बना दिया है। कॉलोनी की एक पूरी मंदिर समिति भी है, जिसमें हिन्दू मुस्लमान दोनों ही सदस्य हैं। हर शाम इस मंदिर में शीतला माता की दोनों धर्म के लोग आरती करते हैं।
भैरू लाल नाम के व्यक्ति, जो इसी गांव में रहते हैं, ने बताया, “मंदिर की हालत बहुत ही बुरी थी। आपा (सुगरा बी) ने हम सबको इकट्ठा करके इसकी हालत सुधारी है। रात में होने वाली आरती में सब लोग आते हैं, अच्छा लगता है।”
इंदिरा कॉलोनी के ही बाबू अमजद कहते हैं, “हमारी कॉलोनी का मौहाल बहुत अच्छा है। हम सब मिलजुल कर शांति से रहते हैं। मंदिर भी जाते हैं और मोहर्रम में वहां शर्बत भी बांटते हैं।”