जाकिर नाइक के एनजीओ पर प्रतिबंध के बाद अब विस्तृत जानकारी खंगालनें के लिए राष्ट्रिय जांच एजेंसी ने भी मामला दर्ज कर लिया है। राष्ट्रिय जांच एजेंसी ने IRF के दफ्तर की तलाशी लेने का अभियान शुरू कर दिया है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ था कि जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को आतंकवाद निरोधक कानून के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया जाएं। अब इसी कड़ी में NIA ने आतंकवाद विरोधी कानून और IPC की धारा 153A के तहत मामला दर्ज किया है। जिसके तहत मुंबई में कुल 10 जगहों पर तलाशी अभियान चालू किया है।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार, गुरुवार 17 नवम्बर की रात डोंगरी में (IRF) के दफ्तर के बाहर पाबंदी का नोटिस चिपका दिया गया था। नोटिस में जाकिर नाइक और उनसे जुड़े दर्ज मामलों की सभी जानकारी दी गई थी। इसके अलावा नोटिस में लिखा है परिस्थितयों को ध्यान में रखते हुए ये मत है कि (IRF) को तत्काल प्रभाव से एक गैर विधिपूर्ण संगठन घोषित करना जरूरी है। इसलिए अब विधिविरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम 1967 की अलग अलग धाराओं के तहत केंद्रीय सरकार, इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को विधिविरुद्ध संघ घोषित करती है।
मीडिया रिर्पोटस के अनुसार, जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि जाकिर नाइक के विदेशों में चल रहे अभियान पर नजर रखने के लिए अन्य देशों से भी संपर्क किया जाएगा। ब्रिटेन, सऊदी अरब जैसे देशों में जाकिर को वित्तीय मदद देने वालों की पहचान भी की गई है।
पिछले दिनों गृह मंत्रालय की छानबीन में पता चला था कि कुछ एनजीओ के कथित संदिग्ध रिश्ते ‘पीस टीवी’ के साथ हैं, जिस पर आतंकवाद फैलाने का आरोप है। ‘पीस टीवी’ एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक चैनल है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, (IRF) प्रमुख नाइक ने कथित तौर पर कई भड़काउ भाषण दिए हैं और कथित तौर पर आतंकी दुष्प्रचार में शामिल रहा है। अधिकारियों ने बताया था कि महाराष्ट्र पुलिस ने भी युवाओं में कट्टरपंथी भावनाएं भड़काने में शामिल होने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों की तरफ आकर्षित करने के आरोप में नाइक के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए हैं।