सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एच.एल. दत्तू ने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई हर सरकार का पहला कर्तव्य है कि वह देश में कानून के शासन को बरकरार रखे और नागरिकों की विभाजनकारी तत्वों से सुरक्षा करे।
दत्तू ने कहा, “वर्तमान सरकार भी इससे अलग नहीं है और इस सरकार को भी कानून के शासन को बरकरार रखने के लिए ही जनादेश हासिल हुआ है।”
उन्होंने कहा कि मेरा विश्वास है कि वह विभाजनकारी तत्वों पर लगाम कसने के लिए पर्याप्त कदम उठा रही है और नागरिकों को संविधान से मिले मूलभूत अधिकार सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है।
एक अंग्रेजी अखबार को दिए एक इंटरव्यू में चीफ जस्टिस ने कहा कि भारत ऐसा देश है, जहां कानून का शासन है, इसे सबसे अधिक महत्व देना चाहिए। अदालतों को भी कानून के शासन को बरकरार रखने के लिए हर प्रयास करना चाहिए। अदालतों को ऐसे मामलों में कड़ा रुख अपनाना चाहिए, जिनमें घृणा के चलते किसी को पीडि़त किया गया हो।
चीफ जस्टिस की यह टिप्पणी देश में घृणा के चलते लोगों को मौत के घाट उतारने की कई घटनाओं के संदर्भ में मानी जा रही है।
दो दिन पहले ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने साथी मंत्री को हेट क्राइम के मामले में संभलकर बोलने की नसीहत दी थी।