उपहार सिनेमा अग्निकांड: सुशील को जमानत मिलने पर पीड़िता ने कहा- मुझे उसे तभी गोली मार देना चाहिए था

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नई दिल्ली। दिल्ली के चर्चित उपहार सिनेमा अग्निकांड में करीब 20 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार(9 फरवरी) को फैसला सुनाते हुए आरोपी गोपाल अंसल को एक साल की सजा सुनाई है। वहीं, सुशील अंसल को कोर्ट ने बरी कर दिया।गोपाल को कोर्ट ने चार हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया है।

अग्निकांड में अपने बच्चों को खोने वाली पीड़िता नीलम कृष्णमूर्ति ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि न्यायपालिका से उनका विश्वास उठ चुका है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से पता चलता है अमीर आदमी को विशेष अधिकार है और वह हमारे बच्चों की हत्या कर पैसे के बल पर छूट सकते हैं। नीलम ने कहा कि इस फैसले से मैं बहुत निराश हूं। मैंने बहुत बड़ी गलती की, मुझे उसे उसी दिन गोली मार देना चाहिए था, जिस दिन मेरे बच्चे की मौत हुई।

शीर्ष अदालत ने तीन जजों की बेंच ने पीडि़तों और सीबीआई की पुनर्विचार याचिका पर यह फैसला सुनाया है। 1997 के इस चर्चित उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और पीड़ितों की पुनर्विचार याचिका पर 14 दिसंबर को सुनवाई पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिए थे।

सुशील अंसल पांच महीने जबकि गोपाल अंसल चार महीने की सजा काट चुके हैं। इससे पहले दो जजों की बेंच ने अलग-अलग फैसले सुनाए थे, जिसकी वजह से मामले को तीन जजों की बेंच में भेजा गया था। गौरतलब है कि 13 जून 1997 को हिन्दी फिल्म ‘बार्डर’ के प्रदर्शन के दौरान हुए को ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में हुए अग्निकांड में 59 दर्शकों की मौत हो गई थी।

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