नई दिल्ली। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मंगलवार(7 फरवरी) अपनी एक रिपोर्ट में हैरान कर देने वाला खुलासा किया। रिपोर्ट के मुताबिक, सीरियाई राष्ट्रपति बशर-अल असद के करीब 13,000 विरोधियों को उस सरकारी जेल में गुपचुप तरीके से फांसी लगा दी गई, जहां हर सप्ताह करीब 50 लोगों को सामूहिक तौर पर मौत की सजा दी जाती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2011 से वर्ष 2015 के बीच सप्ताह में कम से कम एक बार में करीब 50 लोगों के समूहों को मनमाने ढंग से मुकदमे की कार्यवाही करने, पीटने और फिर फांसी देने के लिए ‘आधी रात को पूरी गोपनीयता के बीच’ कारागार से बाहर निकाला जाता था।
एमनेस्टी की ‘ह्यूमन स्लॉटरहाउस: मास हैंगिंग एंड एक्सटरमिनेशन एट सैदनाया प्रीजन’ शीर्षक वाली रिपोर्ट सुरक्षाकर्मियों, बंदियों और न्यायाधीशों सहित 84 प्रत्यक्षदर्शियों के साक्षात्कारों पर आधारित है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ितों में अधिकतर आम नागरिक थे, जिनके बारे में ऐसा माना जाता था कि वे राष्ट्रपति बशर-अल-असद की सरकार के विरोधी थे। फांसी के गवाह रहे एक पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि ‘वे उन्हें 10 से 15 मिनट तक फांसी पर लटकाए रखते थे।’
मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले समूह ने लिखा कि ‘इस पूरी प्रक्रिया के दौरान उनकी आंखों पर पट्टी बांधी रहती थी। उन्हें उनकी गर्दनों में फंदा डाले जाने तक यह भी नहीं पता होता था कि वह कैसे और कब मरने वाले हैं।’