उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी (सपा) में चुनाव चिन्ह विवाद पर चुनाव आयोग सोमवार को अंतरिम आदेश पारित कर सकता है। ज्यादा संभावना इस बात की जताई जा रही है कि आयोग सपा के ‘साइकिल’ चुनाव चिन्ह पर रोक लगा सकता है।
माना जा रहा है कि चुनाव आयोग साइकिल के चुनाव चिह्न को ज़ब्त कर दोनों पक्षों को अलग-अलग चुनाव चिह्न दे सकता है। सूत्रों की मानें तो अगर अखिलेश खेमे को साइकिल चुनाव चिह्न नहीं मिलता है तो वो मोटरसाइकिल का चुनाव चिह्न मांग सकते हैं। रामगोपाल यादव पहले ही कह चुके हैं कि अगर अखिलेश खेमे को चुनाव चिह्न नहीं मिला तो वो अखिलेश के चहरे पर चुनाव लड़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी की अगुवाई में आयोग ने बीते शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनी थीं और अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
भाषा की खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश में पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की शुरुआत 17 जनवरी से होने वाली है. राज्य में सात चरण में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
सपा सांसद रामगोपाल यादव की ओर से एक जनवरी को बुलाए गए पार्टी के एक राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए जाने के बाद विवाद पैदा हो गया था. इसी अधिवेशन में मुलायम सिंह यादव को अध्यक्ष पद से हटाकर पार्टी का संरक्षक बना दिया गया था।
मुलायम ने इस कदम का विरोध करते हुए आयोग का रुख किया और उसे बताया कि वह अब भी पार्टी के अध्यक्ष हैं और चुनाव चिन्ह उन्हीं के खेमे के पास रहना चाहिए।