केंद्र सरकार पाक अधिकृत कश्मीर से आए हुए 36000 हिन्दू शरणार्थियों को 2000 का मुआवज़ा देने की घोषणा की है। हिन्दू शरणार्थियों को मुआवज़ा देने की घोषणा पिछले साल प्रधान मंत्री मोदी ने की थी और बीते दिसम्बर में इसे कैबिनेट की मंजूरी भी मिल चुकी है। यह मुआवज़ा 1947, 1965 और 1971 में आए शरणार्थियों को दिया जाएगा।
विभाजन के बाद पश्चिमी पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों को निवास प्रमाण देने के विरोध में घाटी में कई जगह हिंसक प्रदर्शन भी हुए है। इन्हें अभी वोट का अधिकार या मुआवज़ा दिया जाना बाकी है। अंग्रेजी अखबार दि हिन्दू की खबर के अनुसार, गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हर शरणार्थी के खाते में साढ़े 5 लाख रूपए जमा किए जाएंगे।
गृह मंत्रालय ने इस सिलसिले में राज्य सरकार से शरणार्थियों के बैंक खतों की जानकारी मांगी है ताकि मुआवज़े की राशि सीधे उनके खातों में डाली जा सके। जैसे ही, यह जानकारियां हमें मिलेंगी, हम यह राशि फ़ौरन जारी कर देंगे।
यह पहली बार है कि एक केंद्र-राज्य समिति के गठन के बजाए राशि सीधी जारी की जाएगी। महबूबा सरकार भी इस राशि में 1 करोड़ 20 लाख रूपए का सहयोग करेगी क्योंकि केंद्र सरकार के मुआवजे में कुछ हज़ार प्रति शरणार्थी की राशि कम पद रही थी।