सुप्रीम कोर्ट ने धर्म के नाम पर वोट मांगने वालों पर कड़ा फैसला लेते हुए कहा कि धर्म के नाम पर वोट मांगना गैरकानूनी होगा।
7 जजों की सविधांन पीठ ने फैसले में कहा कि प्रत्याशी या उसके समर्थक धर्म, जाती, समुदाय और भाषा के नाम पर वोट मांगते हैं तो यह गैरकानूनी होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, चुनाव एक धर्मनिरपेक्ष पद्धति है। इस आधार पर वोट मांगना संविधान की भावना के खिलाफ है। जन प्रतिनिधियों को भी अपने कामकाज धर्मनिरपेक्ष आधार पर ही करने चाहिए। आने वाले पांच राज्यों में इसका असर होने की संभावना है।
कोर्ट ने यह फैसला हिंदुत्व मामले से जुड़ी कई याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दिया। इसके तहत सवाल उठाया गया था कि धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगना जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत करप्ट प्रैक्टिस है या नहीं।
इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने एक याचिका में कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की थी जिसमें कहा गया था कि धर्म और राजनीति को मिलाया नहीं जाना चाहिए और धर्म और राजनीति को एक-दूसरे से अलग करने के लिए निर्देश जारी किया जाना चाहिए।
#FLASH: SC says no politician can seek vote in the name of caste, creed, or religion, while hearing several petitions in Hindutva case
— ANI (@ANI) January 2, 2017