एक खुले खत में संगीतकार और गीतकार सोना मोहपात्रा ने आईआईटी बॉम्बे के नाम एक खुला खत लिखकर लैंगिक भेदभाव का आरोप लगाया है।
फेसबुक पर एक खुले खत में गुरुवार को सोना मोहपात्रा ने लिखा, मूड-1 भारत में अपनी तरह का सबसे बड़ा और सबसे प्रतिष्ठित आयोजनों में से एक है और लोकप्रिय है। कई सालो से ये महिला कलाकारों को परर्फारमेंस के लिए शामिल करने में नाकाम रहा है।
इसके अलावा, उन्होंने कहा, महिलाओं कलाकारों ने जो भी प्रदर्शन किया है वो एक पुरुष कलाकार की ‘छत्र छाया में ही करना पड़ा है।
खत शुक्रवार दोपहर लिखा गया है, खत में महापात्रा ने आरोप लगाया है कि आयोजक मूड-1 में फीमेल आर्टिस्ट लाने में नाकाम रहे हैं। साथ ही उन्होंने मेल परफॉर्मर की बजाय फीमेल परफॉर्मर को कम फीस देने का भी आरोप लगाया है।
सोना महापात्रा ने पत्र में लिखा है, ‘पिछले तीन सालों से मूड-1 कमेटी मुझे आपके फेस्टिवल में कंसर्ट करने के लिए बुला रही है, लेकिन हर बार यह बुलावा एक शर्त के साथ आता था।
यह एक बड़ी शर्त है। यह शर्त मानने वाली नहीं है। शर्त है कि स्टेज पर मेरे साथ एक पुरुष भी होना चाहिए। पुरुषों के पास घर हैं, जिसे वे सपोर्ट करते हैं, जबकि महिलाओं तो केवल मजे के लिए ही काम करती हैं।’
महापात्रा ने खत की शुरुआत में लिखा है कि आप दावा करते हैं कि आप एशिया का सबसे बड़ा कल्चरल फेस्टिवल आयोजित करवाते हैं। इसके साथ ही वर्ल्ड में उच्च शिक्षा के लिए अग्रणी संस्थान होने का भी गर्व है। मुझे आपके इस दावे पर हंसी आती है।
साथ ही महापात्रा ने लिखा, ‘क्या इससे मैं व्यक्तिगत तौर पर प्रभावित हुई हूं? क्या आपका मनोरंजन करने का मौका छूटने से दुखी होकर मेरी आंखों से आंसू निकल रहे हैं? नहीं, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। मैं मेरे करियर में अच्छा कर रही हूं। मैंने कई सोलो परफॉर्मेंस मेरे बैंड सोनालाइव के साथ किए हैं। पिछले एक पछवाड़े में मैंने अकेले 11 कंसर्ट किए हैं।