बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ताओं ने केरल के मुख्यमंत्री विजयन को भोपाल के अंदर घुसने नहीं दिया। विजयन यहां एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये आये थे लेकिन विरोध को देखते हुये उन्हें बीच रास्ते से ही वापस लौटना पड़ गया।
बताया गया है कि मलयाली समाज द्वारा भोपाल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस अवसर पर केरल के सीएम को मौजूद होना था, परंतु उनके आगमन की जानकारी मिलने के बाद से ही विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया था।
हालांकि सीएम के आगमन को देखते हुये पुलिस के भी पुख्ता प्रबंध किये गये थे, बावजूद इसके कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया। बताया जाता है कि विरोध की सूचना सीएम को रास्ते में ही दे दी गई थी और इसके चलते उन्होंने बीच रास्ते से ही वापस लौटना उचित समझा।
केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने भोपाल में उनके खिलाफ हुए प्रदर्शन के लिए ‘आरएसएस की संस्कृति’ को जिम्मेदार ठहराया, जिसके कारण वह एक समारोह में शिरकत नहीं कर पाए। मध्य प्रदेश से लौटने के बाद विजयन ने कहा कि शनिवार को हुए विरोध प्रदर्शन के पीछे भाजपा के वैचारिक अभिभावक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का हाथ था।
मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा, ‘आमतौर पर जब मुख्यमंत्री किसी दूसरे राज्य के दौरे पर जाते हैं तो उसके लिए प्रोटोकोल होता है. लेकिन विरोध प्रदर्शन के पीछे चूंकि आरएसएस था, इसलिए पुलिस मूकदर्शक बनी रही. यह आरएसएस की संस्कृति को प्रतिबिंबित करता है.’ बजरंग दल और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने विजयन को भोपाल में एक कार्यक्रम में भाग लेने से रोक दिया था।
मध्य प्रदेश पुलिस ने केरल के संगठनों की ओर आयोजित सभास्थल तक पहुंचने से पहले ही विजयन को लौट जाने को कहा. विजयन ने कहा, “केरल में ऐसा कभी नहीं हुआ है. हाल में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कन्नूर का दौरा किया था, जो मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का गांव (गढ़) माना जाता है. पर वहां कोई मुद्दा नहीं था।
गौरतलब है कि केरल के सीएम विजयन पहली बार ही भोपाल आने वाले थे। इधर विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं का कहना था कि केरल में सरकार की शह पर ही आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है। जब तक हत्या करना बंद नहीं होगी तब तक मुख्यमंत्री को भोपाल ही क्या, प्रदेश के किसी भी शहर में घुसने नहीं दिया जायेगा।