उन्होंने आरोप लगाया कि नेकां घाटी में माहौल गरम रखना चाहती है क्योंकि यह सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। महबूबा ने संवाददाताओं से कहा, ‘वह (अब्दुल्ला) कहा करते हैं कि हुर्रियत नेताओं को झेलम नदी में फेंक देना चाहिए। आज वह कुछ और बात कर रहे हैं। यह फिर से स्पष्ट करता है नेकां सत्ता के लिए बच्चों और महिलाओं सहित किसी के भी जीवन से खेल सकती है।’
उन्होंने कहा कि फारूक का बयान अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहता है कि वे हुर्रियत को पूरा समर्थन दें जिससे एक चीज साफ होती है कि नेकां सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
उन्होंने कहा कि नेकां नेतृत्व ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से स्थिति बेहतर नहीं होने देने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘जब हालात बेहतर हो रहे हैं, बच्चे स्कूल जा रहे हैं, पर्यटन भी धीरे धीरे जोर पकड़ रहा है, ऐसे में फारूक ने एक बार फिर कार्यकर्ताओं को आदेश देते हुए वैसी स्थिति पैदा करने को कहा जिससे कि जम्मू कश्मीर में माहौल गरम बना रहे।’
गौरतलब है कि अब्दुल्ला ने अपने पिता और पार्टी के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 111वीं जयंती के अवसर पर हजरतबल में सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि उनकी पार्टी हुर्रियत के खिलाफ नहीं है और उनके अधिकारों के लिए कश्मीरियों की मांग का समर्थन किया। उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से इस संघर्ष से दूर नहीं होने को भी कहा क्योंकि ‘हम इस संघर्ष का हिस्सा हैं। हमने इस घाटी के हित में नियमित रूप से लड़ाई लड़ी है।’ महबूबा ने कहा कि फारूक नियमित रूप से कहा करते हैं कि पाकिस्तान पर बमबारी कर देनी चाहिए।