लाखों चाहने वालों के बीच भी अकेली थी जयललिता, आखिरी समय में कोई भी परिवार का सदस्य नहीं था पास

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जयललिता जो उनकी देखभाल कर सके। दो महीने से अधिक समय तक जब वे अस्‍पताल में थीं तो उनके पास परिवार का कोई सदस्‍य नहीं था।

बताया गया कि जयललिता के भाई जयकुमार की बेटी दीपा ने अस्‍पताल में उनसे मिलने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने दीपा को वापस भेज दिया। जब दीपा ने बताया कि वह कौन हैं तो पुलिस ने कहा, ”हम आपसे वापस बात करेंगे। दीपा प्रतीक्षा ही करती रही और पुलिस की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

उपचार के दौरान जयललिता डाक्टरों की कड़ी निगरानी में थी लेकिन अगर कुछ अभाव था तो वो था आत्मियता का और अपनेपन का। करोड़ों चाहने वालों के बीच भी जयललिता को अपना कोई उनके लिए वहां मौजूद नहीं था। यह एक ऐसा समय था जब उन्हें अपने परिवार की सर्वाधिक जरूरत थी लेकिन खून के रिश्तों में से कोई भी वहां मौजूद नहीं था। लोगों को उम्मीद थी कि वह जल्द ही ठीक होकर राज्य की कमाल पुन सम्भालेगी लेकिन ऐसा ना हो सका।

जनसत्ता की खबर के अनुसार, अक्‍टूबर 2014 में जब जयललिता जेल से बाहर्र आइं थी तो दीपा और उनके पति माधवन ने मिलने की कोशिश की थी। दीपा और माधवन अन्‍नाद्रमुक के समर्थकों के बीच बारिश में जया का स्‍वागत करने को खड़े थे। बाद में दोनों ने जयललिता के घर के पास से कई घंटों तक नजर बनाए रखी। दीपा ने बताया, ”उन तक पहुंचने और बात करने में कई बाधाएं थीं।

A woman walks past a portrait of J. Jayalalithaa, Chief Minister of the southern state of Tamil Nadu, in Chennai, India, March 13, 2012. REUTERS/Babu/File Photo

कहते है राजनीति में कोई दोस्त नहीं होता। इस बात का एहसास शायद तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता से ज्यादा किसी और को नहीं हो सकता। वो सबसे कद्दावर नेता रही लेकिन अकेली। पिछले 6 महीने में जयललिता का अकेलापन और भी ज्यादा मुखर होकर आया था।

जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 को मैसूर पैलेस में हुआ था। उनके दादा यहां सर्जन हुआ करते थे। जयललिता का बचपन का नाम कोमलवल्ली था, लेकिन सब उन्हें प्यार से अम्मू कहते थे। महज 2 साल की आयु में जयललिता के पिता जयराम उन्हें छोड़कर चल बसे थे।

जयललिता की शुरुआती शिक्षा पहले बेंगलुरू और फिर चेन्नई में हुई। उन्होंने 16 साल की उम्र में फिल्मों में अभिनय शुरू किया। उनकी पहली फिल्म कन्नड़ भाषा में थी। पहली हिंदी फिल्म ‘इज्जत’ थी जो 1968 में रिलीज हुई थी। जयललिता ने 140 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। हिंदी, अंग्रेजी, तमिल और कन्नड़ भाषाओं पर जयललिता की काफी अच्छी पकड़ थी।

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