वित्तमंत्री अरुण जेटली और जदयू नेता शरद यादव ने आज राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर एक-दूसरे पर तीखे कटाक्ष किए।
जेटली ने जहां जदयू में नोटबंदी को लेकर कथित रूप से एकसमान रुख नहीं होने पर कटाक्ष किया वहीं शरद ने नोटबंदी के फैसले से वित्त मंत्री के अवगत नहीं होने के आरोपों को लेकर कटाक्ष किया।
बैठक शुरू होने पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बसपा और सपा के सदस्यों ने मांग की कि सीमा पार सेना द्वारा लक्षित हमले किए जाने के बाद से पड़ोसी देश की गोलाबारी, गोलीबारी और हमलों में करीब 25 जवान शहीद हो चुके हैं, जिन्हें सदन की ओर से श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए।
Photo courtesy: india todayउन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी के फैसले से उत्पन्न परेशानी के चलते करीब 82 लोगों की जान जा चुकी है और इन लोगों को भी सदन की ओर से श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए।
शरद यादव ने कहा कि यह अप्रत्याशित है कि जम्मू के समीप नगरोटा में सेना के शिविर पर आतंकी हमले में मेजर स्तर के दो अधिकारियों सहित सात सैन्य कर्मी शहद हो गए और उन्हें सदन में कोई श्रद्धांजलि भी नहीं दी गई।
उन्होंने कहा, सरकार कहती है कि उसने नोटबंदी देशहित में की है. सीमा पर जो जवान शहीद हुए हैं वह देश की रक्षा के लिए ही वहां तैनात थे।
भाषा की खबर के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी के कारण उत्पन्न हालात के चलते करीब 90 लोगों की जान चली गई. इसी बीच जेटली ने यादव को कहा कि आप नोटबंदी की बात सबसे पहले अपनी पार्टी में कीजिये और तय कीजिये कि क्या वह इस कदम के खिलाफ है या पक्ष में हैं।
जेटली का इशारा जदयू प्रमुख और बिहार की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर था जिन्होंने नोटबंदी का समर्थन किया है। यादव ने उलट कर सवाल किया ‘आप बताएं क्या आपके प्रधानमंत्री आपके साथ हैं ? हम नोटबंदी के खिलाफ नहीं हैं। हम उस रोक के खिलाफ हैं, जो अपने ही खातों से पैसा निकालने को लेकर लगाई गई है।