तिरुचिरापल्ली निवासी 48 वर्षीय जगन्नाथन सेल्वाराज नाम का व्यक्ति ने वतन वापसी की कोशिश में अदालत की कार्यवाही में भाग लेने के लिए दो साल में एक हजार किलोमीटर से अधिक पैदल यात्रा की।
पैसे ना होने के कारण उसे पब्लिक पार्क में सोना पड़ा आने जाने के लिए उसके पास पैसे नही थे तो पैदल ही हज़ार किलोमीटर चल दिया।
‘खलीज टाइम्स’ को जगन्नाथन सेल्वाराज (48) ने बताया कि वह तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली का निवासी है। उसने अखबार को भारी यातायात, गर्मी, रेत की आंधी और थकान की परवाह किए बगैर श्रम न्यायालय की कार्यवाही में भाग लेने आने की अपनी कहानी बताई।
Photo courtesy: ndtvसोनापुर से करामा जाने मे कुछ दिरहम की लागत लगती है, लेकिन सेल्वाराज पर बस से यात्रा करने के लिए पैसे नहीं थे। और दुबई के करामा जिले में कम से कम 20 बार जाना पड़ा। उसके लिए चार घंटे में 50 किलोमीटर से अधिक दूरी पैदल तय करना जरूरी था।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार, सेल्वाराज की अदालत की यात्रा तमिलनाडु में उसकी मां की मौत के बाद शुरू हुई थी।तब उसे मां के अंतिम संस्कार में भाग लेने जाने की इजाजत नहीं मिली थी। उसका मामला करीब दो साल चला।
उसने बताया कि वह सोनापुर में जहां रहता है, वहां से दुबई के बाहरी इलाके में स्थित श्रम न्यायालय तक जाने के लिए बस का किराया नहीं चुका सकता। सेल्वाराज ने ‘खलीज टाइम्स’ को कहा कि वह कई महीने से एक सार्वजनिक पार्क में रह रहा है और भारत लौटने के लिए बेचैन है।