चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर ने जजों की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। जस्टिस ठाकुर ने शनिवार को कहा कि हाई कोर्ट में 500 जजों के पद खाली हैं, कोर्ट रूम खाली हैं, लेकिन जज नहीं हैं।
जस्टिस टीएस ठाकुर ने शनिवार को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के दो दिवसीय अखिल भारतीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
उद्घाटन को संबोधित करते हुए ठाकुर ने अपने भाषण में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज रिटायर्ड होने के बाद किसी भी ट्रिब्यूनल का हेड बनने के लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि सरकार उन्हें न्यूनतम सुविधा के तौर पर एक आवास तक मुहैया नहीं करवा पा रही है। उन्होंने कहा कि कोर्ट रूम है, लेकिन जज नहीं। नए ट्रिब्यूनल के बनने से न्यायपालिका को कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि वे अदालतों का बोझ कम करते हैं, लेकिन इनमें मूलभूत सुविधाएं तो होनी ही चाहिए। क्यों कई ट्रिब्यूनल खाली हैं?
गौरतलब है कि इससे पहले भी जस्टिस ठाकुर कोर्ट में जजों की कमी का मुद्दा उठा चुके हैं।
चीफ जस्टिस के भाषण के बाद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी इस पर अपनी असहमति जताई। कानून मंत्री ने कहा कि सरकार नियुक्ति भरने और सुविधा मुहैया करवाने का भरपूर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड हो रहे सभी जजों को एक ही साइज का आवास देना संभव नहीं है।