उत्तर पश्चिम साइबेरिया स्थित ओब खाड़ी के एक बीच पर करीब 18 किलोमीटर की दूरी में हजारों की संख्या में बने कुदरती बर्फ के गोलों ने स्थानीय लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है। समुद्र किनारे का एक भाग इन बर्फीले गोलों से ढंक सा गया है।
इन गालों का आकार टेनिस की गेंद से लेकर एक मीटर से भी बड़ा है. इन गोलों का बनना एक दुर्लभ वायुमंडलीय प्रक्रिया की वजह से है जिसमें बर्फ के छोटे टुकड़े हवा और पानी के द्वारा एक दूसरे से जुड़कर विशाल रूप ले लेते हैं।
बीबीसी के अनुसार न्याडा गांव में रहने वाले स्थानीय लोगों का कहना है उन्होंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा. न्याडा गांव आर्कटिक सर्कल के ठीक ऊपर स्थित यमाल पेनिंसुला पर स्थित है।
Photo courtesy: hindustan timesभाषा की खबर के अनुसार, रूसी टीवी ने आर्कटिक एवं अंटार्कटिक रिसर्च इंस्टिट्यूट के प्रेस सचिव सर्गेई लिसेंकोव के हवाले से बताया, ‘नियम के अनुसार, पहले वहां एक प्राथमिक प्राकृतिक घटना होती है – स्लज आइस, स्लॉब आइस. उसके बाद होता है हवा, समुद्र तट, तापमान और हवा की स्थितियों का समायोजन. यही समायोजन इतना वास्तविक होता है कि इन बर्फ के गोलों के रूप में सामने आता है।’
Ura.ru वेबसाइट के अनुसार ऐसी ही घटना फिनलैंड की खाड़ी में दिसंबर 2014 में और मिशिगन झील में दिसंबर 2015 में भी सामने आई थी. रूस में इंटरनेट पर बर्फ के इन गोलों की तस्वीरें छाई हुई हैं।