मध्य प्रदेश के कॉलेज में बांटे गए दलितों को चिन्हित करने वाले बैग, प्रिसिपल ने कहा इसमें गलत क्या है?

0

बीजेपी शासित मध्य प्रदेश के एक सरकारी कॉलेज में अब आप आसानी से यह पहचान पाएगें कि कौन छात्र दलित हैऔर कौन छात्र सामान्य जाति का है। ये कारनामा कर दिखाया है, मंदसौर के एक सरकारी काॅलेज ने।

यहां कालेज ने प्रिसिपल बी आर नालव्या की अगुवाई में एससी और एसटी छात्रों को मुफ्त में बैगों का वितरण किया जिस पर एससी और एसटी स्कीम लिखा हुआ है। इन बैग्स को लेकर चलने वाले छात्र सबकी नज़र में आकर दिख जाते है कि वो दलित जाति से है।

सोशल मीडिया पर इन बैग्स की तस्वीरें वायरल होने के बाद यह विवाद खड़ा हो गया था। जनसत्ता के अनुसार जिले के राजीव गांधी पीजी कॉलेज के पीजी और यूजी कोर्स के 600 एससी-एसटी छात्रों में से करीब 250 को यह बैग मिला है।

इस बैग में एक कैलकुलेटर, पैन और नोटबुक है। कॉलेज के प्रिंसिपल बीआर नालव्या ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ये बैग वेलफेयर स्कीम के तहत बंटे हैं, अगर इस पर कुछ लिखा है तो क्या गलत है। अगर कुछ लोगों को इससे दिक्कत है तो मैं इस पर लिखे शब्द मिटा दूंगा। स्कीम का नाम सप्लायर ने लिखा है।

जबकि इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि आरएसएस द्वारा संचालित मध्य प्रदेश सरकार ने साबित कर दिया है कि वह दलित और आदिवासी विरोधी है। दलित छात्रों को जातिसूचक बैग बांटा जाना उनका अपमान है। वहीं कांग्रेस इस मामले को पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करने जा रही है।
Previous articleकेजरीवाल सरकार का दीवाली तोहफा, अस्थायी कर्मियों को समान वेतन देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करेगी दिल्ली सरकार
Next articleSC notice to UP govt on plea against summoning Kejriwal, Vishwas